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गाज़ियाबाद

जातीय टकराव के बाद आनन-फानन में लिया बड़ा फैसला, इनकी सुरक्षा में तैनात गनर हटाया

Highlights:
-24 अगस्त को सिहानी गेट में हुए रोडरेज के बाद लोगों के बीच जातीय टकराव हुआ था
-इस मामले में रविवार 14 सितंबर को मीटिंग की गई
-जिसमें जमकर हंगामा, मारपीट और फायरिंग हुईa

गाज़ियाबादSep 17, 2019 / 03:39 pm

Rahul Chauhan

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गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार के बनने के बाद एक तरफ विपक्षी पार्टियां जमकर लगातार घेरने में जुटी है तो वहीं सरकार अपने कार्यों के आधार पर लोगों को लुभाने में जुटी है। इस सबके बीच डासना में हुए जातीय टकराव के बाद हुए हंगामे के दूसरे दिन जिलाधिकारी व एसएसपी द्वारा मंदिर पहुंचकर मौके का जायजा लिया गया।
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इस दौरान एसएसपी सुधीर चौधरी ने महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की सुरक्षा में लगे गनर को भी वापस लेने के निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही पुलिस इस मामले में आरोपित महंत व उनके साथी अनिल यादव की तलाश कर रही है। इस मामले में एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि एक टीम बम्हैटा में तैनात की गई है जो लोगों पर नजर रख रही है। इसके साथ ही नोएडा पुलिस को भी उनके क्षेत्र में अलर्ट रहने के लिए पत्र लिखा गया है। एसपी ने बताया कि हंगामे के बाद लोगों को चेतावनी जारी की गई है कि वह कोई भी मीटिंग इस मामले में नहीं करेंगे। हंगामा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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वहीं इस मामले में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के पक्ष में आरडीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। जिसमें उन्होंने इस केस में फंसाने के आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिर के बाहर हंगामा करने वालों को पकड़ने की जगह पुलिस उनको फंसा रही है। उल्लेखनीय है कि गत 24 अगस्त को सिहानी गेट में हुए रोडरेज के बाद नोएडा और गाजियाबाद के गांवों के लोगों के बीच जातीय टकराव हुआ था। वहीं इस मामले में रविवार 14 सितंबर को मीटिंग की गई। जिसमें जमकर हंगामा हुआ। जिसके बाद लोगों में मारपीट और फायरिंग हुई। पुलिस ने इस मामले में महंत, अनिल यादव और 100 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया है।
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