
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद. ये शाहीन बाग नहीं धरती पुत्रों यानी किसानों का आंदोलन है। किसान एक बार पैर बढ़ा लेता है तो पीछे नहीं हटाता। यह कहना है भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत का। जो इस समय गाजीपुर बार्डर में पिछले चार महीने से कृषि बिल के खिलाफ धरने पर बैठे हुए हैं। पत्रिका से हुई बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि किसान किसी कोरोना से नहीं डरते। गांव में रहने वाले लोग खेत में काम करके अपना पसीना बहाते हैं। एसी में बैठकर आराम नहीं करते। उन्होंने कहा कि सरकार को बहुत बड़ी गलतफहमी है कि कोरोना संक्रमण के चलते किसान आंदोलन समाप्त हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। किसान आंदोलन कृषि बिल की वापसी तक चलेगा। इसके लिए चाहे एक साल लगे या चार साल। हम अपना हक लेकर ही उठेंगे।
बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने तत्काल प्रभाव से नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। रात 10 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और 30 अप्रैल तक लागू रहेगा। कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने यह बड़ा फैसला किया है।
गाजीपुर बॉर्डर समेत राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर बीते चार महीने से किसानों का आंदोलन जारी है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है किसान आंदोलन को शाहीन बाग मत मानना। पूरे देश में लॉकडाउन लग जाएगा तब भी आंदोलन खत्म नहीं होगा, ना ही किसान धरना स्थल छोड़ेंगे।
Published on:
07 Apr 2021 05:46 pm
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