उन्होंने बताया कि जब मोहम्मद गौरी को पता चला कि सोहनगढ़ में पृथ्वीराज चौहान के परिजन रहते हैं, तो उसने रक्षाबंधन वाले दिन सोहनगढ़ पर हमला कर औरतों, बच्चों, बुजुर्गों व जवान युवकों को हाथियों के पैरों तले जिंदा कुचलवा दिया था। हमले में विजेश सिंह राणा मारे गए थे, जबकि हमले के वक्त सोहरण सिंह राणा गंगास्नान को गए थे। विजेश सिंह राणा की मृत्यु की खबर मिलते ही उनकी पत्नी जसकौर सती हो गई थी, जिसकी समाधि आज भी गांव में खंडहर हालत में मंदिर के प्रमाण में है।