
गाजियाबाद। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से आम आदमी की शिकायत की सुनवाई के लिए जनसुनवाई पोर्टल बनवाया गया है। ताकि किसी भी शिकायत के आने पर जल्द से जल्द उसका निपटारा किया जा सके। लखनऊ से सीधी इसकी निगरानी की जाती है। लेकिन शिकायतों को लेकर अधिकारियों की गंभीरता ऐसी है कि अपनी आख्या में जिंदे शख्स को भी मृतक बता दिया जा रहा है। गाजियाबाद के सिहानी गेट थाने का ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। जिसमें दरोगा ने एक युवती के पिता को मृत लिख दिया है। मामला सुर्खियों में आने के बाद में अब इसे तकनीकि खामी बताया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
मिनाक्षी का अपने सुसराल पक्ष के साथ में विवाद चल रहा है। आईजीआरएस के जरिए इस मामले की शिकायत की गई। आईजीआरएस की जांच सिहानी गेट चौकी इंचार्ज जगनेन्द्र सिंह को सौंपी गई। उनकी तरफ से सिहानी गेट थाना प्रभारी को भेजी गई आख्या में बताया गया कि इसकी जांच मेरी तरफ से की जा रही है। पांच मई 2009 को मिनाक्षी पुत्री स्व. समरपाल (जबकि वह जिंदा हैं) निवासी मोदीनगर की शादी हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद तक अपनी सुसराल में पति मनोज निवासी कृष्णा नगर मेरठ रोड़ के यहां रह रही थी। छोटी-छोटी बात को लेकर दोनों में लड़ाई होती थी। जिसके बाद लड़की के पिता मिनाक्षी को वापस अपने साथ ले आए। वर्तमान में लडकी और लड़के पक्ष का मामला थाने में विचाराधीन है।
दरोगा की सफाई
उधर, इस मामले को लेकर सिहानी गेट चौकी इंचार्ज जगनेन्द्र सिंह का कहना है कि मिनाक्षी के पिता जिंदा है। गलती से उन्हें स्वर्गीय लिखा गया है। इसके पीछे की वजह है कि पति की तरफ से एक शिकायती पत्र दिया गया। जिसमें उनके नाम के आगे स्वर्गीय लिखा हुआ था।
Published on:
15 Mar 2018 02:27 pm
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