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सीमावर्ती क्षेत्र में लालच का नेटवर्क, जासूसी के आरोप में एक को धरा

आरोपित पर पूर्व में तस्करी के मामले

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बाड़मेर से लगती पाक सीमा पर गुप्तचर एजेन्सियों ने गुरुवार को जासूसी के आरोप में एक संदिग्ध को चौहटन से करीब 50 किलोमीटर दूर सीमावर्ती गांव सरूपे का तला से हिरासत में लिया है। हालांकि गुप्तचर एजेन्सियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

सूत्रों के अनुसार एमआई एवं आईबी की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सरूपे का तला निवासी सतरामदास माहेश्वरी को पकड़ा। उसके पैतृक गांव से टीम उसे अज्ञात स्थान पर लेकर गई। सतरामदास पर इससे पहले भी सीमा पार से तस्करी, नकली नोटों, शराब और नशीले पदार्थ का कारोबार में लिप्त होने के आरोप लगे थे, जिसमें उसे गिरफ्तार भी किया गया था। पिछले लम्बे समय से सुरक्षा एजेन्सियों की इस पर नजर थी।

पाक जाने की भी है जानकारी

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार सतरामदास माहेश्वरी पूर्व में कई बार पाकिस्तान भी गया था। गुप्तचर एजेन्सियां अब इसके भारत व पाकिस्तान में बने सम्पर्क जानने में जुटी हैं।

लालच का नेटवर्क

सीमावर्ती क्षेत्र जैसलमेर-बाड़मेर जासूसी नेटवर्क के लिए पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई की नजरों में आ चुका है। कई सरकारी कार्मिक भी इसमें पकड़े गए हैं। यह दीगर बात है कि देश से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां व गोपनीय तथ्यों को पड़ौसी मुल्क तक पहुंचाने वाले लोग एक दूसरे को जानते तक नहीं हैं। लेकिन आर्थिक 'लालच' से पूरा नेटवर्क चल रहा है।

जैसलमेर जिले में पकड़े गए जासूस

वर्ष 2017 रमजान व नूरे खां, वर्ष 1996 जाफरिया, 2002 नबिया व अमरे खां,2006 नूरे खां, 2013 अलाबख्श, माजिद खां व गुलाम रसूल, 2014 सुमार खां, 2015 गोरधनसिंह, 2016 नंदलाल गर्ग, 2017 सदिक

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