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सावधान! इस शहर में 1672 अवैध निर्माण पर कार्रवाई की तैयारी, जाने, कहीं आपकी इमारत भी तो अवैध नहीं

locationगाज़ियाबादPublished: Jul 23, 2018 09:48:23 am

Submitted by:

Ashutosh Pathak

अभी खतरा टला नहीं शहर में और भी है अवैध कॉलोनियां

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सावधान! इस शहर में 1672 अवैध निर्माण पर कार्रवाई की तैयारी, जाने, कहीं आपकी इमारत भी तो अवैध नहीं

गाजियाबाद। सपनों का घर जब हकीकत में मिलता है तो मानों जहां की सबसे बड़ी खुशियां मिल गई हो। फिर उस घर में लोग नए सपने संजोए प्रवेश करते हैं। लेकिन कुछ ही दिन बाद जब दूसरों की गलती की वजह से सिर्फ घर ही नहीं जिन्दगी भी खतरे में आ जाए तो, आप खुद समझ सकते हैं कि अंजाम क्या होता है। ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी को अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ था कि गाजियाबाद के डासना में इमारत गिरने से बड़ा हादसा हो गया। जिसमें कई लोग दब गए और उन्हें बाहर निकालने के लिए राहत-बचाव कार्य जारी है। लगातार हो रहे हादसों पर अब सरकार सक्रिय नजर आ रही है और जांच करने के आदेश दे दिए हैं। लेकिन फिर भी सवाल उठते हैं कि नियमों-मानको को ताख पर रख कर कैसे पिछले कई सालों से इस तरह अवैध निर्माण कार्य सुचारू से चल रहे थे। क्या सरकार को इसकी कोई खबर नहीं थी, औऱ जब ये अवैध निर्माण था तो प्रशासन आंखे क्यों मूंदे था।
दिल्ली एनसीआर में पिछले काफी समय से लगातार ऊंची-ऊंची इमारते बनती जा रही हैं। इसी क्रम में अवैध कॉलोनियां भी बस रही हैं जहां अवैध बिल्डिंगे बन रही हैं। लेकिन सिस्टम पूरी तरह से शांत है। हाल में ही ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में 2 इमारत गिरने के बाद रविवार को गाजियाबाद के थाना मसूरी इलाके के डासना के पास बनी आकाश नगर कॉलोनी में भी 4 मंजिला निर्माणाधीन इमारत अचानक ही ध्वस्त हो गई। यह कॉलोनी भी पूरी तरह से अवैध रूप से ही बताई जा रही है। आश्चर्य की बात यह है कि यहां सैकड़ों की संख्या में अवैध निर्माण हो चुके हैं। लेकिन सिस्टम शायद पूरी तरह नींद में सोया हुआ था। जिसका परिणाम रविवार को देखने को मिला है।
गाजियाबाद में कुल 250 अवैध कॉलोनियां है। जिनमें अभी तक 1672 अवैध निर्माण चिन्हित किए गए थे। लेकिन अभी तक केवल 219 पर ही कार्रवाई संभव हो पाई है। यह सभी अवैध निर्माण बिना नक्शे के और बिना बिल्डिंग बायलॉज का पालन किए ही बनाई जा रही हैं और सभी कॉलोनियों में बिजली पानी और सीवर की सप्लाई की सुविधा भी दी जा रही है। आखिर जब प्रशासनिक अधिकारियों को पूरी तरह यह मालूम है कि यह कॉलोनियां अवैध रूप से बसाई गई हैं और यह बनाई गई इमारत भी मानकों पर खरी नहीं है, बावजूद इसके पूरी कॉलोनियों में बिजली पानी और सीवर की सुविधा दी गई है और इन कॉलोनियों को अवैध भी प्रशासनिक अधिकारी ही बता रहे हैं। तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ? यह बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिर बाकी कॉलोनी या बाकी अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई किस लिए नहीं की जा रही है? इस हादसे के बाद से लगता है कि प्रशासनिक अधिकारियों को भी अभी इस तरह के और हादसों का इंतजार है।
आपको बता दें कि जितनी भी अवैध कॉलोनियां है इनमें बिल्डर्स ने अपने पैर जमा दिए हैं और हर कॉलोनी में उनके द्वारा कम जगह में बिना मानकों को पूरा किए हुए तमाम फ्लैट बनाए जा रहे हैं। नियमों और मानकों के अनुसार जिस कॉलोनी में ऊंची इमारत बनाई जाती हैं तो वहां पर खास तौर से यह ध्यान रखा जाता है, यदि कोई हादसा भी हो जाए तो वहां की सड़क काफी चौड़ी होनी चाहिए ताकि उस इमारत तक आसानी से पहुंचा जा सके। लेकिन यहां तंग गलियों में भी बिल्डर्स कम जगह में गगनचुंबी इमारत बना रहे हैं। जबकि इन कॉलोनियों में उस हिसाब से ड्रेनेज व्यवस्था भी पूरी तरह नहीं होती है और ना ही यहां पार्किंग की कोई समुचित व्यवस्था होती है ।बावजूद उसके इन अवैध कॉलोनियों में बिल्डर्स भरपूर फल फूल रहे हैं।
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