नोएडा में एसटीएफ के द्वारा पकड़े गए दो शातिर बदमाशों ने इसका अब पूरी तरह से खुलासा कर दिया। एसटीएफ के मुताबिक लंबे समय से बाहर से ऑन डिमांड हथियारों की तस्करी की जा रही है। मुखबिर तंत्र को तस्करों के लिए एक्टिव किया गया है। एसटीएफ के मुताबिक गाजियाबाद के कई गैंगस्टर का बदमाशों का पता चला है। सभी की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई है।
तीन हथियार तस्कर पकड़े गए
एसटीएफ नोएडा की एक टीम के प्रभारी सौरभ विक्रम ने बताया कि सूचना के आधार पर हथियारों की तस्करी करने वाले तीन बदमाश जगदीश शर्मा, तनवीर मेवाती, शफीक मेवाती को पुलिस की टीम ने पकड़ा है। धरपकड़ के दौरान गांव के 700 लोग उनको बचाने के लिए आ गए थे। घेराबंदी के बाद सभी पकड़े गए। जिनसे नौ पिस्टल (9) एमएम, 06 कन्ट्री मेड पिस्टल, दो राइफल और 25 से अधिक कारतूस बरामद हुए।
मथुरा का विश्मभरा है हथियारों का गढ़
एसटीएफ सूत्रों की माने तो बड़ी तादाद में तस्कर मुंगेर और खंडवा से हथियारों के जखीरे को मथुरा के विश्मभरा गांव में लाकर रखते है। यहीं से सारे हथियारों की सौदेबाजी होती है। गाजियाबाद के मुकीम काला, भाटी गिरोह समेत कई पश्चिमी यूपी के आधा दर्जन बदमाश गिरफ्तार किए गए तस्करों के संपर्क में थे। सभी गैंगस्टरों की धरपकड़ के लिए नए सिरे से टीमें गठित की जा रही है।
10 हजार की पिस्टल 35 हजार में
पकड़े गए बदमाश तनवीर मेवाती ने बताया कि मुंगेर और खंडवा से रात के समय में बस औऱ ट्रक में बैठकर हथियारों को तस्कर करके यूपी में लाया जाता। वहां से एक विदेशी पिस्टल को दस हजार में खरीदा जाता और 35 हजार में बेच देता। इसी तरीके से कन्ट्री मेड और राइफल को पांच-पांच हजार में खरीद कर यूपी के ग्रामीण इलाकों में 10-15 हजार में बेच दिया जाता है। एसपी सिटी अजय पाल ने बताया कि गाजियाबाद की एसओजी की टीमों को एसटीएफ के साथ कोर्डिनेट करने के लिए कहा गया है। गाजियाबाद के कई गैंगस्टरों के तार मथुरा और मध्यप्रदेश से जुड़े हुए हैं। सभी को ट्रेस कर लिया गया है। जल्द ही सबको पकड़ लिया जाएगा।