
गाजियाबाद. एक बेबस मां की दर्दभरी दास्ता किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं। जिसने पैदा किया उसने मां और नवजात को बीच भंवर में छोड़ दिया। मां ने लोकलाज के भय से पैदा होने के बाद थाने में छोड़ा जहां से नवजात अनाथ आश्रम पहुंच गया। जब मां की ममता जागी तो जिगर के टुकड़े को पाने के लिए तड़प उठी। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अब अपने ही जिगर के टुकड़े को अपना साबित करने के लिए मां को सबूत तलाशने पड़ रहे हैं। मां होते हुए भी तीन माह का मासूम अनाथ की तरह रह रहा है। दोनों के बीच है कानून दीवार के रुप में खड़ा है। जिसे गिराने के लिए मां सबूत तलाश रही है।
सबूत के लिए थाने का चक्कर लगा रही है महिला
मामला लोनी थाना इलाके का है। जहां से यह मामला चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के पास पहुंचा। कमेटी ने ही महिला से कहा है कि उसे बच्चा तभी मिल सकता है जब यह सबूत मिल जाए कि वह उसी का है। पीड़िता के अनुसार लोनी थाने में बच्चा 18 सितंबर को छोड़ा गया था। थाने में कैमरे लगे हैं। पीड़ित महिला ने पुलिस से 18 सितंबर के सीसीटीवी फुटेज मांगे। थाना पुलिस को यह लिखकर देना है कि बच्चा वही है, जो थाना पर छोड़ा गया था। इसके लिए फुटेज और फोटो देने हैं, लेकिन थाना पुलिस इसके लिए तैयार नहीं है।
एसएसपी से लगाई मद्द की गुहार
थाने मद्द नहीं मिलने पर पीड़ित महिला एसएसपी पवन कुमार के पास पहुंची और उनसे बच्चा दिलाए जाने की गुहार लगाई। एसएसपी ने थाना लोनी को मामले की पड़ताल कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी विकास चंद्र ने बताया कि इस मामले में एसएसपी से बात की गई है। पुलिस सुबूत जुटाकर देगी। अगर पुलिस यह लिखित रिपोर्ट नहीं देती है कि बच्चा इसी महिला का होने के सुबूत मौजूद हैं तो फिर डीएनए टेस्ट का ही रास्ता बचेगा। बच्चे और उसकी मां होने का दावा करने वाली महिला के डीएनए का मिलान कराया जाएगा।
लिव इन में रहते हुए बच्चे को दिया था जन्म
पीड़ित महिला ने बताया कि वह और युवक तीन साल पहले फरीदाबाद में एक ही कंपनी में नौकरी करते थे। दोनों में दोस्ती हुई। फिर फरीदाबाद में ही लिव इन रिलेशन में साथ रहने लगे। वहीं पर बच्चा हुआ। युवक जब उन्हें छोड़ गया तो युवती बच्चे को लेकर लोनी में मां के पास आ गई।
BY: KP Tripathi
Published on:
30 Sept 2021 02:42 pm
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