बर्खास्त किये गए चारों शिक्षकों की नियुक्ति 2016 में हुई थी, जिसके बाद से डॉक्यूमेंट की जांच चल रही थी। जांच के दौरान सभी 4 शिक्षक फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर नौकरी कर रहे थे। फिलहाल मामले में बीएसए श्रवण कुमार ने बताया कि 2016 में ज्यादा संख्या में शिक्षकों की भर्ती हुई थी। उन शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच चल रही है। जांच के दौरान तकरीबन 200 ऐसे शिक्षक सन्देह के घेरे में हैं और उनके प्रमाण पत्रों की गहनता से जांच की जा रही है।
4 ऐसे शिक्षक मिले जिनका टेट का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। इसके बाद चारों शिक्षकों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई। बर्खास्त किये गए शिक्षकों में रंजना यादव, अंजली यादव, रेनू यादव व सौरभ अवस्थी शामिल हैं। इन सभी पर फर्जी टेट अंकपत्र लगाकर नौकरी करने के आरोप में कार्रवाई की गई है। साथ इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर अब तक लियेगए वेतन की रिकवरी भी की जाएगी।