
सिगब्तुल्लाह अंसारी(बायें), अफजाल अंसारी(बीच में), मुख्तार
गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी और मऊ के पूर्व विधायक उनके भाई मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। कृष्नानंद राय हत्याकांड में दोनों भाईयों को सजा हुई। 4 साल की सदा के बाद अफजाल अंसारी की संसद की सदस्यता चली जाएगी।
1985 से लगातार रहे किसी ना किसी सदन के सदस्य
अफजाल अंसारी, मुख्तार अंसारी और सिगब्तुल्लाह अंसारी तीन भाई है। सिगब्तुल्लाह सबसे बड़े और मुख्तार छोटे हैं। गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के रहने वाले इस परिवार का आजादी के पहले से ही राजनीति में दखल रहा है लेकिन इन तीनों भाईयों की बात की जाए तो इनकी राजनीति की शुरुआत 1985 में हुई।
1985 में मोहम्मदाबाद सीट से अफजाल अंसारी ने कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था। इसके बाद वो लगातार 2002 तक यहां से 5 बार विधायक रहे। उनके विधायक रहते हुए 1996 में मुख्तार अंसारी ने मऊ सदर से विधानसभा चुनाव जीता और लगातार 5 बार विधायक रहे।
अफजाल 2002 में पहली बार हारे
अफजाल अंसारी पहली बार 2002 का विधानसभा हारे। हालांकि 2 साल बाद ही 2004 में वो सांसद बन गए। इसके बाद वो 2009 और 2014 का लोकसभा हारे। 2019 में एक बार फिर सांसद बन गए। दूसरी ओर मुख्तार 1996 से लगातार 2017 तक मऊ से विधायक रहे।
तीसरे और सबसे भाई सिगब्तुल्लाह अंसारी 2007 और 2012 में मोहम्मदाबाद से विधायक रहे हैं। ऐसे में देखा जाए तो 1985 से अब तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि तीनों भाईयों में से कोई विधायक या सांसद ना हो।
अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता जाने के बाद 1985 के बाद पहली बार ऐसा होगा कि तीनों भाईयों में से कोई भी किसी सदन का सदस्य नहीं होगा। हालांकि परिवार की बात करें तो सिगब्तुल्लाह अंसारी के बेटे मन्नू अंसारी (मोहम्मदाबाद) और मुख्तार के बेटे अब्बास (मऊ सदर) से विधायक हैं।
38 साल में जीते 16 चुनाव
1985 से तीनों भाई और उनके बेटे अब तक 16 चुनाव जीत चुके हैं। सबसे ज्यादा 5 बार विधानसभा और 2 बार लोकसभा का चुनाव अफजाल अंसारी ने जीता है। मुख्तार अंसारी 5 बार विधायक और सिगब्तुल्लाह 2 बार MLA रहे हैं। मन्नू अंसारी और अब्बास अंसारी ने एक-एक बार चुनाव जीता है।
Updated on:
29 Apr 2023 03:55 pm
Published on:
29 Apr 2023 03:54 pm
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