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गाजीपुर जेल में हुए बवाल के पीछे बागपत के इस ढाई लाख के इनामी का हाथ, पुलिस ने की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

एक माह पूर्व बलिया से गाजीपुुर जेल हुआ था सिफ्ट

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गाजीपुर जेल में हुए बवाल के पीछे बागपत के इस ढाई लाख के इनामी का हाथ, पुलिस ने की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

गाजीपुर जेल में हुए बवाल के पीछे बागपत के इस ढाई लाख के इनामी का हाथ, पुलिस ने की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

गाजीपुर. उत्तर प्रदेश की गाजीपुर जिला जेल में बुधवार की शाम हुए बवाल के मामले में जेल अधीक्षक ने 16 बंदियों के खिलाफ नामजद व 100 अज्ञात पर पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ से संबंधित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।

बता दें कि बुधवार को जिला जेल में बैरकों में सघन चेकिंग अभियान और जेल के संवेदनशील हिस्सों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के विरोध में बंदियों जेल के अंदर जमकर उत्पात मचाया थ। इतना ही नहीं बंदियों द्वारा जेल में पथराव, आगजनी और तोड़ फोड़ भी की गई। हालात इस कदर बिगड़े की पुलिस कैदियों के सामने बेबस नजर आई। हालत उस वक्त ज्यादा बिगड़ गए जब बंदियों ने जेल प्रशासन के दो कर्मियों और सीसी टीवी कैमरा लगाने वाले एक शख्स को बंदी बना लिया था।

जानकारी के मुताबिक बंदियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिगं की तो बंदी और अधिक उग्र हो गए। रसोई घर में रखा सिलेंडर लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। साथ ही मौके पर जिलाधिकारी और एसपी के आने की मांग करने लगे। जिसके बाद मौके पर पहुंचे डीएम एसपी ने मामले को शांत कराया और बंदियों के बीच बंधक जेल कर्मियों और सीसी टीवी लगाने गए शख्स को मुक्त कराया। तकरीबन तीन घंटे चले इस हंगामे की जांच जारी है। जेल अधीक्षक ने 16 बंदियों के खिलाफ नामजद और 100 बंदियों के खिलाफ अज्ञात मामला दर्ज कराया है। वहीं 16 नामजद बंदियों में से चार को तनहाई बैरक में डाल दिया गया है। जिनमें बागपत की परमवीर सिंह, गाजीपुर का विकास खरवार शामिल है।

बवाल के पीछे ढाई लाख के इनामी परमवीर की अहम भूमिका !

पुलिस सूत्रों की माने तो बुधवार को हुए बवाल में परमवीर की ही अहम भूमिका थी। बागपत का रहने वाला परमवीर सिंह ढाईलाख का इनामी है। वह इससे पहले बलिया जेल में बंद था। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से ही लगातार उत्पात मचाने के चलते उसे एक माह पूर्व बलिया से गाज़ीपुर जेल सिफ्ट किया गया था। यहां आने के बाद से ही परवीर बंदीयों को भड़काने लगा था।

वह कैदियों से अक्सर कहता कि खामोश रहोगे तो हर सुविधा छिन जाएगी। कुछ ऐसा करो कि जेल प्रशासन हम लोगों के अनुसार चले। इसकी भनक जब अधिकारियों को लगी तो वह अलर्ट हो गए और परमवीर की निगरानी कड़ी कर दी थी। बैरकों में निरंतर तलाशी के बाद जेल में जैमर और सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने का कार्य तेजी से चल रहा था, लेकिन परमवीर सहित कुछ कैदी यह नहीं चाहते थे।

लेकिन विरोध की कई वजह न मिलने के बाद वह कुछ कर नहीं पा रहे थे। वहीं जब बुधवार को जेलर एससी त्रिपाठी पुलिस के जवानों के साथ जेल के विभिन्न बैरकों और हॉस्पिटल में तलाशी के बाद वापस जाने लगे तभी परमवीर ने जेलर को निशाना बनाकर पत्थर मारा, हालांकि पत्थर उन्हें नहीं लगा। लेकिन इसके बाद जेल में पथराव शुरू हो गया। कैदी अंदर की चहारदीवारी फांद कर परिसर में आ गए और ईंट-पत्थर चलाने लगे। सूत्रों की माने तो इसका नेतृत्व परमवीर कर रहा था।

By- आलोक त्रिपाठी