
बांदा की CJM कोर्ट ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं।
एक तरफ गाजीपुर में मजमा लगा था, लोग मुख्तार को मिट्टी देने के लिए उमड़ पड़े थे, उधर बांदा जेल में मुख्तार की मौत की जांच करने के लिए न्यायिक टीम पहुंच गई। दरअसल मौत से 5 दिन पहले मुख्तार ने जेल प्रशासन पर धीमा जहर देकर जान लेने का आरोप लगाया था। उसने अपनी बात सीधे कोर्ट में याचिका देकर कही थी।
मुख्तार की मौत के बाद उसके बड़े भाई और पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी ने धीमा जहर देकर मारने का आरोप लगाया था।
मौत के बाद बांदा की CJM कोर्ट ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्तार अंसारी की गुरुवार 28 मार्च की रात को कार्डिएक अरेस्ट से मौत बताई गई। लेकिन परिवार को इस पर संशय है कि यह एक सामान्य मौत नहीं है। धीमा जहर वाली बात पर सबसे ज्यादा जोर है।
मुख्तार की मौत के 3 दिन पहले ही बांदा जेल के जेलर और दो डिप्टी जेलर को सस्पेंड किया गया था। उन पर मुख्तार की सुरक्षा में लापरवाही बरतने की बात कही गई। इन्हीं पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मुख्तार को दफनाने से पहले ही बांदा जेल में न्यायिक टीम पहुंच गई। वहां जांच-पड़ताल शुरू कर दी।
Updated on:
30 Mar 2024 04:28 pm
Published on:
30 Mar 2024 01:00 pm
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