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अज्ञातवास में पांडवों ने की थी इस मंदिर में पूजा, शिवरात्रि में पूजा का है विशेष महत्व

जमीन की खुदाई के दौरान निकला था शिवलिंग, पूजा अर्चना करने से हर मनोकामना होती है पूर्ण

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Ahkhilesh Tripathi

Aug 17, 2016

lord shiva

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गाजीपुर
. सावन माह में भगवान शिव के पूजा व जलाभिषेक का विशेष महत्व है। सैदपुर इलाके के धुवार्जुन में स्थित यह शिवलिंग अपने आप में एक अनोखा इतिहास समेटा हुआ है। जहां पर हर साल सावन माह में और महा शिवरात्रि के दिन भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर पूजा अर्चना के साथ ही दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक करते है।



पौराणिक मान्यताओं की माने तो ये शिवलिंग जमीन से निकला हुआ है। मंदिर के पुजारी वीरेन्द्र गिरी का कहना है कि कई सौ साल पहले काफी जंगल हुआ करता था और चरवाहे गायों को चराने इधर आया करते थे। लेकिन जैसे ही गाय इस स्थान पर आती थी तो उनका दुग्ध अपने आप गिरना शुरू हो जाता था। लेकिन गाय स्वामी यह देख आश्चर्यचकित हो जाते थे।



इसके बाबत जानकारी के लिए गाय स्वामियों ने जब जमीन की खोदाई की तो शिवलिंग मिला। तब से मंदिर की स्थापना कर यहां पूजा अर्चाना की जाती है। इतना ही नहीं पुजारी ये भी बताते है कि जब पांडव अज्ञातवास में थे तो यहां आए थे और यहां स्थित तालाब में स्नान कर मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद काशी क्षेत्र के लिए रवाना हुए थे। लोगों का इस मंदिर के प्रति इतनी आस्था है कि हर शिवरात्रि को अपनी मन्नतों को लेकर पूजा अर्चना करते है। श्रद्धालु बताते है कि यहां पूजा अर्चना करने से हर मनोकामना पूर्ण भी होती है।

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