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बिना अध्यापक के चल रहा है स्कूल, वेतन रोकने का दिया गया आदेश

बिना अध्यापक के चल रहा है स्कूल, वेतन रोकने का दिया गया आदेश

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गोंडा

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Ruchi Sharma

Oct 08, 2017

gonda

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गोण्डा. संस्कृत विद्यालयों की हालत बद से बदतर बनी हुई है। सैकड़ों की संख्या में मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों के अध्यापकों को मोटी रकम वेतन के नाम पर मिलता है लेकिन अधिकांश तो ढूंढे नहीं मिलेंगे। केवल कागजों तक सीमित है उनके हर माह के संचालित होने व अध्यापकों के उपस्थित के रिपोर्ट शासन को भेजे जाते है।

इधर योगी सरकार के आने पर संस्कृत और मदरसों के फर्जीवाड़े पर लगाम कसना शुरू हुआ तो पूरे जिले में भूचाल आ गया है। अधिकांश फर्जीवाड़े के कमरों में रंग रोगन कर बोर्ड लगा दिए गए। कुछ तो केवल एक कमरे में चलने के लिए साबित किये जा रहे है। गोण्डा में संस्कृत माफिया है एक एक व्यक्ति के पास आधे दर्जन से अधिक संस्‍कृत विद्यालय है जिनमें 90 प्रतिशत कागजों में है एक ही विद्यालयों के बच्चे कई-कई विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे है। नाम है इंटर कॉलेज, महाविद्यालय लेकिन विद्यालयों की रियल्टी देख ले तो स्वयं को शर्म आएगी।

परीक्षा भी होती है परीक्षार्थी भेड़ों की झुंड में बैठ कर किताब कॉपी साथ रखकर परीक्षा देते है। हम बात करते है गोण्डा मुख्यालय के राम जानकी उ0मा0 विद्यालय रानी बाजार गोण्डा की जिसकी स्थापना महाराज दिग्विजय सिंह बलरामपुर द्वारा 1879 में करना बोर्ड पर लिखित रूप से दर्शाया गया है। विद्यालय की दशा देख सहजता अंदाजा लगाया जा सकता है। कुर्सी मेज बिखरा सभी कमरों में लगा ताला, टूटा नल इस बात का गवाह है पढ़ाई कैसी होती होगी।

शनिवार को जब फिर संस्‍कृत विद्यालय देखा गया तो बच्‍चे नदारद थे पूछने पर बताया गया कि विद्यालय इण्‍टर तक है अध्‍यापक दो है एक छुट्टी पर तो दूसरे भी गायब है। एक बाहरी जो अपने को स्‍टाफ न बता कर सहयोगी बता रहा था दो तीन लोगों के साथ मौजूद रहकर कुछ लिखा पढ़ी कर रहे थे पूछने पर बताया कि बच्‍चों को फार्म भरने की छुट्टी दे दी गयी है, लेकिन छुट्टी किसके आदेश पर दी गयी है नहीं बता सके कुछ ही देर जिलाविद्यालय निरीक्षक आर के वर्मा पहुंच गये विद्यालय में बच्‍चे और एक भी अध्‍यापक न देख दंग रह गये तत्‍काल प्रभाव से वेतन रोकने का आदेश दिया और विद्यालय नियमित चलाने का निर्देश दिया ऐसा न करने पर मान्‍यता रद्द कराने की चेतावनी दी गयी।