
पंडित रविशंकर महाराज फोटो सोर्स पत्रिका
गोण्डा में सीताराम पंचवटी चकाचक आश्रम के संचालक और प्रसिद्ध कथावाचक पं. रविशंकर महाराज ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कई धार्मिक-सामाजिक मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने बहराइच की एक ऐतिहासिक दरगाह, सीमाई सुरक्षा, धर्मांतरण और न्यायालय के फैसले जैसे विषयों पर अपनी राय जताई।
गोण्डा में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कथावाचक पं. रविशंकर महाराज ने कहा कि सरकार को बहराइच में मौजूद गाज़ी सैय्यद सालार मसऊद की दरगाह की ऐतिहासिक सत्यता पर दोबारा विचार करना चाहिए। उनका कहना था कि शास्त्रों और पुराणों में यहां सूर्य कुंड बताया जा रहा है। इसलिए सरकार को इस पर स्पष्ट कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे मेले पर पाबंदियां लगाई गई हैं। वैसे ही विवादित स्थलों पर भी कदम उठाए जाने चाहिए।
उन्होंने पश्चिम बंगाल में बाबर के नाम पर मस्जिद की नींव रखे जाने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे आम लोगों में चर्चा बढ़ी है और समाज में नई बहस शुरू हो गई है। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी धर्म या समुदाय से किसी को समस्या नहीं होनी चाहिए। लेकिन आक्रमणकारियों के नाम पर धार्मिक स्थलों का निर्माण करना उचित नहीं माना जा सकता।
महाराज ने बहराइच की एक घटना में दोषियों को सज़ा मिलने पर अदालत के फैसले का स्वागत किया। और कहा कि सरकार ने इस मामले में मजबूती से पैरवी की है। उन्होंने योगी सरकार की इस कार्रवाई को सराहनीय बताया।
सीमा सुरक्षा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश की खुली सीमाओं पर घुसपैठ को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाने की जरूरत है। उनका दावा था कि कुछ क्षेत्रों में गैर-हिंदू परिवार अवैध रूप से बस रहे हैं। जिन पर सरकारी एजेंसियों को ध्यान देना चाहिए।
भारत-नेपाल सीमा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ गिरोह गरीब परिवारों को धर्मांतरण के लिए उकसाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका आश्रम सीमाई इलाकों में संस्कार शालाओं को संचालित कर रहा है। जहां भटके परिवारों को मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। प्रेस वार्ता में कथा आयोजक संजय रस्तोगी, शिवकुमार सोनी और संदीप मेहरोत्रा भी मौजूद रहे।
Updated on:
12 Dec 2025 05:27 pm
Published on:
12 Dec 2025 05:26 pm
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