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Navratri 2017 : मां बाराही के दर्शन से लौट आती है आंखों की रोशनी

locationगोंडाPublished: Sep 21, 2017 02:53:11 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

नवरात्र के पहले दिन ही शक्तिपीठ बाराही देवी धाम में श्रद्धालुओं का आना शुरू है। मंदिर के सामने प्रसाद, चुनरी और फूलों की मनमोहक दुकानें सजी हैं

Barahi Devi Uttari Bhawani Temple
गोंडा. आज नवरात्र का पहला दिन है। शहर के देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का जुटना शुरू हो गया है, लेकिन बाराही देवी धाम की बात ही निराली है। जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी. दूर स्थित तरबगंज तहसील के सूकर क्षेत्र के मुकंदपुर में शक्तिपीठ बाराही देवी का मंदिर है। नवरात्रि के दिनों में यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं। लोगों का मानना है कि इस स्थान पर बाराही मां के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं। नवरात्र के पहले दिन ही शक्तिपीठ बाराही देवी धाम में श्रद्धालुओं का सुबह से आना शुरू है। मंदिर के सामने प्रसाद, चुनरी और फूलों की मनमोहक दुकानें सज गई हैं।
मान्यता है कि नवरात्र माह में आंख से पीड़ित व्यक्तियों द्वारा यहां कल्पवास करने व मन्दिर का नीर एवं बरगद का दुग्ध आखों पर लगाने से आंखों की ज्योति पुनः वापस आ जाती है। मंदिर मे दर्शन के लिए आस-पास के जनपदों के अलावा दूसरे प्रदेश व नेपाल से भी भारी संख्या में लोग आते हैं। मां बाराही मंदिर को उत्तरी भवानी के नाम से भी जाना जाता है।
मंदिर का इतिहास
वाराह पुराण के अनुसार, जब हिरण्य कश्यप के भाई हिरण्याक्ष का पूरे पृथ्‍वी पर आधिपत्‍य हो गया था। देवताओं, साधू-सन्‍तों और ऋषि मुनियों पर अत्‍याचार बढ़ गया था तो हिरण्याक्ष का वध करने के लिये भगवान विष्णु को वाराह का रूप धारण करना पड़ा था। भगवान विष्णु ने जब पाताल लोक पंहुचने के लिये शक्ति की आराधना की तो मुकुन्दपुर में सुखनोई नदी के तट पर मां भगवती बाराही देवी के रूप में प्रकट हुईं। इस मन्दिर में स्थित सुरंग से भगवान वाराह ने पाताल लोक जाकर हिरण्याक्ष का वध किया था। तभी से यह मन्दिर अस्तित्व में आया। इसे कुछ लोग बाराही देवी और कुछ लोग उत्‍तरी भवानी के नाम से जानने लगे। मंदिर के चारों तरफ फैली वट वृक्ष की शाखायें, इस मन्दिर के अति प्राचीन होने का प्रमाण है।
मन्नतें पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं ने बनवाए मंदिर
मंदिर प्रांगण मे दो दर्जन छोटे-छोटे मंदिर और धर्मशालाएं हैं, जिन्हें मन्नतें पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं ने बनवाया है। यहां पर हर समय कोई न कोई भक्त भागवत कथा सुनता रहता है। यहां मुण्‍डन से लेकर अनेक शुभ संस्‍कार कराए जाते हैं। नवरात्र के दौरान इस धाम में भारी संख्‍या में दुकानें, बाजार सर्कस आदि लगे रहते है।
Barahi Devi Uttari Bhawani Temple
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