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इस महिला IAS अफसर ने उठाया ऐसा कदम, लोग खुद ही वापस करने लगे प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा

गोंडा जिले में अब 1890 लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये खुद को अपात्र बताते हुए सरकार को पैसा वापस कर दिया है

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CDO Divya Mittal

गोंडा.रक्षाबंधन पर बहनों को टॉयलेट गिफ्ट करने वाले भाइयों को सम्मानित करने वाली मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) दिव्या मित्तल एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले की शिकायत पर कार्यवाही का ऐसा हंटर चलाया कि गलत तरीके से आवास की रकम पाये लोग खुद ही अपने को अपात्र बताते हुए पैसे वापस कर रहे हैं। गोंडा जिले में अब तक 1890 लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत खाते में आई रकम प्रशासन को लौटा चुके हैं।

वर्ष 2016-17 में गोंडा जिले के 14953 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये चुनना था, जिनमें से 12719 आवासों की स्वीकृति प्रदान कर लाभार्थियों के खाते में दूसरी किस्‍त भी दी जा चुकी है। लेकिन जब फर्जीवाड़े की शिकायत पर जांच शुरू हुई तो सौ से डेढ़ सौ अपात्र पाये गये। इनमें 50 के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ। कुछ जेल गये तो हडकम्‍प मच गया। 1890 लाभार्थियों ने खुद को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये अपात्र बताते हुए पैसा वापस कर दिया।

सीडीओ ने शिकायत पर लिया एक्शन तो मचा हड़कंप
मुख्य विकास अधिकारी दिव्या मित्तल ने बताया कि शिकायतें मिली थीं कि कुछ आपात्रों को आवास दे दिया गया है। 16 विकास खंडों में जांच टीम गठित कर जांच कराई गई तो 100 से 150 आपात्र पाये गये। इनमें 50 के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया, जिनमें से कुछ जेल भी गये। कुछ ग्राम प्रधानों के पावर भी सीज किये गए। इसी के चलते जनपद में ऐसा माहौल बना कि लोगों ने खुद आकर बताना शुरू कर दिया कि हम अपात्र हैं। उन्होंने कहा कि जांच में सचिवों और ग्राम प्रधानों ने बहुत सहयोग किया है। पूरे जनपद में 1890 ऐसे केस प्राप्त हुए हैं, जिनके पैसे वापस कराके जमा कराए जा रहे हैं। इसी के क्रम में अभी भी कुछ शिकायते आती हैं तो उसकी जांच करवाते हैं। यदि फिर भी कोई अपात्र मिलता है तो उससे रिकवरी करके पैसे वापस किये जायेंगे। नहीं तो उनके विरुद्ध कड़ी विधिक कार्यवाही की जाएगी।

ग्रामीणों के लिये वरदान साबित हो रही है पीएम आवास योजना
जनपद गोण्डा में केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) योजना उन गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन्होंने आजादी के बाद से अब तक खुले आसमान के नीचे छप्परों में गुजारी है। यह आवास 2011 की सामाजिक आर्थिक जनगणना के आधार पर वास्तविक गरीब परिवारों को पात्र मानते हुए मोदी सरकार का भारत निर्माण में एक ऐतिहासिक कदम है। इस आवास में 90 मानव दिवस का पारिश्रमिक के अलावा लाभार्थियों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय, उज्ज्वला योजना से गैस कनेक्शन, दीनदयाल योजना से बिजली कनेक्शन आदि योजनाओं का लाभ देकर गरीबो को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य मोदी सरकार ने किया है।

हर बार नरेंद्र मोदी को बनाएंगे प्रधानमंत्री
आवास मिले लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि अभी तक जितनी भी सरकारें आईं, किसी ने हमारा ध्यान नहीं रखा। हम लोग बरसात और धूप में अपने बच्चों को लेकर झोपड़ी में रहने को मजबूर थे, लेकिन अब हमें प्रधानमंत्री ने आवास दिया है, हम लोग उनका धन्यवाद देते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि हम चाहेंगे कि हर नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनें।

लाभार्थियों ने कहा, आवास के बदले देना पड़ा कमीशन
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी दीपक ने बताया कि हमारे पैसों में से बैंक प्रबन्‍धक ने पांच हजार रुपये ग्राम प्रधान को दे दिया है और 35 हजार मुझे दिया गया। इसी प्रकार अन्‍य लाभार्थियों ने भी आवास के बदले ग्राम प्रधान व अन्य द्वारा पैसे वसूले जाने की बात कही है।

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