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CM yogi: योगी सरकार इस गांव पर मेहरबान, 77 साल बाद गांव में आई रोशनी

CM yogi: यूपी के इस गांव पर योगी सरकार पूरी तरह से मेहरबान है। यहां के ग्रामीणों को जमीन मकान और रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने के बाद गुरुवार को गांव में 77 साल बाद जले बिजली के बल्ब तो झूम उठा पूरा गांव हर किसी के चेहरे पर मुस्कान दिखाई पड़ी।

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गांव में बिजली जलने से खुशहाल हुई महिलाएं

CM yogi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से वनटांगिया गांव अब समाज की मुख्य धारा से जुड़ गया है। आज़ादी के 77 साल बाद बुटहनी वनटांगिया गांव में पहली बार बिजली पहुंची है। यह गांव अब दूधिया रोशनी से जगमगा रहा है। जिससे यहां के रहने वाले लोगों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है।

CM yogi : गोंडा जिले के छपिया ब्लॉक स्थित बुटहनी वनटांगिया गांव, जो जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर है। वर्षों से विकास की मुख्यधारा से कटा हुआ था। अंग्रेजों द्वारा जंगलों में बसाए गए इस समुदाय को लंबे समय तक अधिकारों और मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया। पांच वर्षों के लिए एक जगह पर बसाए जाने के बाद इन्हें बार-बार विस्थापित किया जाता था। घासफूस के मकानों में रहने वाले इन लोगों को जीवनयापन के लिए जलौनी लकड़ी पर निर्भर रहना पड़ता था।

2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर विकास के प्रक्रिया की नींव रखी। इस पहल के तहत वनटांगिया समुदाय को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत घर, जमीन का मालिकाना हक, पीने का पानी और रोजगार के अवसर प्रदान किए गए। इन योजनाओं ने पहली बार वनटांगिया समुदाय को स्थिरता का अधिकार दिलाया। सीएम के निर्देश पर डीएम ने इस समुदाय को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए। इसी कड़ी में छपिया के बुटहनी वनटांगिया गांव को रोशन किया है। पहली बार इनके घरों में बिजली पहुंची है। गांव में अंधेरे का युग समाप्त हुआ। एक नए बदलाव की शुरुआत की गई है। जिलाधिकारी ने कहा, "प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि हर समुदाय को लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले। बुटहनी गांव में बिजली पहुंचाने से ग्रामीणों का जीवन बदला है।

गांववासियों में खुशी: उम्मीदों का नया सवेरा

बिजली पहुंचने के बाद गांव में पहली बार बल्ब की रोशनी देख ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे। मीना, जो गुलाब स्वयं सहायता समूह की संचालिका हैं। उन्होंने कहा अंधेरे में घर से बाहर निकलने में डर लगता था। अब हमारी जिंदगी में उजाला और सुरक्षा दोनों आई हैं। गांव के बुजुर्ग नंद लाल (60 वर्ष) कहते हैं कि अपना पूरा जीवन अंधेरे में बिताया।लेकिन अब हमारी अगली पीढ़ी को रोशनी और विकास देखने का अवसर मिला है।