
दिवाली के दिन जहां देशभर में खुशियां मनाई जाएंगी। वहीं यूपी के गोंडा जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां मातम पसरा रहेगा। बताया जाता है कि यादवपुरवा गांव में सदियों से दिवाली पर दीये नहीं जलाए गए हैं। इसके पीछे की वजह हैरान करने वाली है। गांव के लोगों का कहना है कि आजादी के बाद ये गांव में दिवाली का उत्सव नहीं मनाया जाता है, क्योंकि दिवाली के दिन गांव के एक नौजवान की अचानक मौत हो गई थी। उसके बाद से गांव दिवाली का पर्व नहीं मनाते हैं। वहीं, कभी मनाने का प्रयास भी किया गया तो कोई न कोई अनहोनी हो जाती है। आज भी लोगों के मन अनहोनी का डर कायम है।
यादवपुरवा गांव यूपी के गोंडा जिले के वजीरगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत डुमरियाडीह में स्थित है। इस गांव में करीब ढाई सौ की आबादी है। ग्रामीण राजकुमार यादव ने बताया कि सैकड़ों वर्ष पहले दिवाली वाले दिन एक नौजवान की मौत हो गई थी। उसके बाद गांव में दिवाली नहीं मनाने की परंपरा शुरू हुई, जो पीढ़ी दर पीढ़ी आज भी चली आ रही है। उन्होंने बताया कि दिवाली के दिन किसी भी घर में कोई पकवान नहीं बनता है और न ही दीए जलाए जाते हैं। इतना ही नहीं गांव के लोग घर से बाहर भी नहीं निकलते हैं।
परंपरा तोड़ते ही हुई अनहोनी
उन्होंने बताया कि एक-दो बार गांव में आई नई बहुओं ने परंपरा को तोड़ने की कोशिश भी की, लेकिन अचानक कई लोग बीमार हो गए। इसके बाद गांव के लोगों ने तय किया कि चाहे कुछ भी हो जाए वह दिवाली नहीं मनाएंगे। गांव के ही रहने वाले सरजू यादव ने बताया कि उन्हें भी त्योहार नहीं मनाने का दुख है, क्योंकि आसपास के गांव में लोग दीवाली मनाते हैं, लेकिन वह कर भी क्या सकते हैं?
निभा रहे बुजुर्गों को दिया वचन
ग्राम प्रधान शिवकुमारी देवी ने बताया कि दिवाली पर नौजवान की मौत के चलते उस दौरान बुजुर्गों ने भविष्य में दिवाली नहीं मनाने का फैसला लिया था।साथ ही भावी पीढ़ी से कहा था कि अगर वे दिवाली मनाएंगे तो कोई न कोई अनहोनी हो जाएगी। तभी से ग्रामीण बुजुर्गों को दिया वचन निभा रहे हैं।
Published on:
23 Oct 2022 12:54 pm
बड़ी खबरें
View Allगोंडा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
