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गोंडा में 2.25 करोड़ रुपए की घूस मांगने वाले BSA निलंबित, 22 लाख एडवांस लिए, दो और अधिकारी भी शामिल

Gonda BSA Suspend : गोंडा में घूस मांगने वाले बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल तिवारी को प्रशासन ने सस्पेंड कर दिया। अतुल कुमार तिवारी ने एक टेंडर की एवज में 2.25 करोड़ रुपए की घूस मांगी थी। उन्होंने कंपनी से 30 लाख रुपए एडवांस भी ले लिए थे।

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बीएसए अतुल तिवारी को प्रशासन ने सस्पेंड कर दिया, PC- Patrika

गोंडा : बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अतुल कुमार तिवारी का काला कारनामा सामने आ गया है। फर्नीचर सप्लाई के एक बड़े टेंडर में सवा दो करोड़ रुपये की घूस मांगने और 30 लाख का एडवांस लेने के आरोपों में उन्हें शासन ने निलंबित कर दिया। न सिर्फ ये, बल्कि इस घोटाले में दो और अधिकारी भी शामिल हैं। जिला समन्वयक (GeM) प्रेमशंकर मिश्रा और जिला समन्वयक (सिविल) विद्याभूषण मिश्रा। फिलहाल, तीनों अधिकारियों के खिलाफ जांच तेज हो गई है।

30 लाख पहले ही ले चुके एडवांस

बात हो रही है जिले के 564 उच्च प्राथमिक और संकुल विद्यालयों में क्लासरूम डेस्क व सीट्स की आपूर्ति के टेंडर की। करीब 15-16 करोड़ का ये प्रोजेक्ट था, जिसमें हरियाणा की नीमन सीटिंग सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को L-1 बिडर चुना गया। कंपनी के एमडी मनोज पांडेय, जो मोतीगंज के ग्राम किनकी के रहने वाले हैं, उन्हें बीएसए के आवास पर 4 जनवरी 2025 को मीटिंग के बहाने बुलाया। वहां अतुल तिवारी ने साफ कह दिया। 15 फीसदी कमीशन दो, यानी करीब 2.25 करोड़ रुपये। मनोज ने हामी भरी तो एडवांस में 22 लाख रुपये बीएसए को थमाए, और दोनों समन्वयकों को चार-चार लाख दे दिए। लेकिन शेष रकम न देने पर न सिर्फ उनका 50.38 लाख का डिमांड ड्राफ्ट रद्द कर दिया गया, बल्कि कंपनी को दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट भी कर दिया।

कंपनी के एमडी ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

मनोज ने चुप न रहने का फैसला किया। उन्होंने कोर्ट में शिकायत की, और भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट ने तुरंत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। नगर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। बीएसए ने बचाव में फर्म पर ही मुकदमा लिखवाने की कोशिश की, यहां तक कि हाईकोर्ट तक गए, लेकिन आखिरकार याचिका वापस ले ली। मुकदमा दर्ज होते ही वे अवकाश पर चले गए थे। अब शासन ने सीडीओ और डीएम की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की है। बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव वेद प्रकाश राय के आदेश में साफ लिखा है कि टेंडर प्रक्रिया में खुली धांधली हुई। मॉक बिड से अलग स्पेसिफिकेशन, GeM पोर्टल के नियम तोड़े, फर्जी दस्तावेज पेश किए। सब कुछ प्रथम दृष्टया सही पाया गया, जिसके आधार पर BSA का निलंबन हुआ। जांच मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक, लखनऊ को सौंपी गई है।

BSA अतुल तिवारी का यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले तीन महीनों में उन पर दो मुकदमे हो चुके हैं। एक घूसखोरी का, दूसरा नियुक्ति में फर्जीवाड़े का। विभाग के लोग तो अभी भी सदमे में हैं, कोई बोलने को तैयार ही नहीं। मंगलवार शाम निलंबन की खबर फैली तो पूरे ऑफिस में सन्नाटा छा गया।