
महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को किसी समस्या का सामना ना करना पड़े। इसके लिए तमाम सुविधाएं बढ़ेगी। अभी तक पर्चा बनवाने के लिए गर्भवती महिलाओं को लाइन लगानी पड़ती थी। अस्पताल में अब कंप्यूटर से पर्चा बनेगा। भीड़ इकट्ठा ना होने पाए इसके लिए दो काउंटर और खोले जाएंगे।
जांच के लिए तीसरी मंजिल पर नहीं जाना पड़ेगा
महिला अस्पताल में अभी तक महिलाओं को जांच कराने के लिए तीसरी मंजिल पर जाना पड़ता था। जिससे गर्भवती महिलाओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। महिलाओं को इससे निजात दिलाने के लिए जांच की व्यवस्था भूतल पर किया जा रहा है।
अब कंप्यूटर से होगा मरीजों का पंजीकरण
अस्पताल में ओपीडी पर्चा बनाने के लिए अतिरिक्त काउंटर खोले जाएंगे। सभी मरीजों का कंप्यूटर से पंजीकरण होगा। अभी तक हाथ से पर्चा बनाए जाते थे। जिससे काफी समय लगता था।
ओपीडी के बाहर लगेगा डिस्प्ले बोर्ड
ओपीडी के सामने मरीजों को बैठने के लिए कुर्सियां लगाई जाएंगी। वहां पर बैठकर उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना होगा। डिस्प्ले बोर्ड पर मरीजों के नंबर दर्शाए जाएंगे। सभी तरह की जांच भूतल पर किए जाने की व्यवस्था हो रही है।
कंप्यूटरीकृत कर ई-अस्पताल के रूप में होगा तैयार
जिला महिला अस्पताल को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। ई-अस्पताल के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। नए साल में गर्भवती महिलाओं को लाइन लगाने से छुटकारा मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। इसके लिए कंप्यूटर, प्रिंटर, एलईडी स्क्रीन और टोकन डिस्प्ले बोर्ड को खरीदा गया है। अस्पताल में तीन ओपीडी काउंटर बनाए जाएंगे।
कंप्यूटर पर दर्ज होगा मरीजों का विवरण
अस्पताल में कंप्यूटर से पर्चा बनने के साथ-साथ मरीजों का पूरा विवरण दर्ज होगा। दूसरी बार दिखाने के लिए मरीजों को सिर्फ अपना रजिस्ट्रेशन नंबर बताना होगा। उसी रजिस्ट्रेशन नंबर से दूसरा नया पर्चा मिल जाएगा।
सीएमएस महिला अस्पताल बोली, अस्पताल होगा कंप्यूटरीकृत
सीएमएस सुषमा सिंह ने बताया कि अस्पताल पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत किया जाएगा। मरीजों का पूरा विवरण कंप्यूटर में दर्ज रहेगा। जिससे गर्भवती महिला और नवजात के टीकाकरण की जानकारी आसानी से खोजी जा सकेगी। अस्पताल के कायाकल्प के लिए 3.75 लाख रुपए मिलेगा। जो अस्पताल को अत्याधुनिक बनाए जाने पर खर्च किया जाएगा।
Published on:
02 Jan 2023 06:03 pm
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