23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Gonda: 28 वर्षों से फर्जी डिग्री पर मदरसे में नौकरी, मंडलायुक्त ने दिए जांच के आदेश

Gonda News: मदरसे के एक शिक्षक पर 28 वर्षों से फर्जी डिग्री पर नौकरी करने का आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति आयुक्त से शिकायत किया था। आयुक्त ने उपनिदेशक को 10 दिन के भीतर साक्ष्य सहित रिपोर्ट देने का निर्देश दिए है।

2 min read
Google source verification
Gonda

आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील फोटो सोर्स पत्रिका

Gonda News: गोंडा जिले के एक मदरसे में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 28 वर्षों से शिक्षक पद पर कार्यरत होने के सनसनीखेज मामले में मंडलायुक्त ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उप निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण को आदेशित किया है कि संबंधित शिक्षक मोहम्मद शहाबुद्दीन के शैक्षिक अभिलेखों की जांच कर साक्ष्य सहित 10 दिवस के भीतर रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

Gonda News: गोंडा जिले के श्रीनगर बाबागंज क्षेत्र के ग्राम पूरे राजापुर के रहने वाले अनवर खान ने कमिश्नर को एक शिकायती प्रार्थना पत्र सौंपा। प्रार्थना पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम देवरिया अलावल बग्गी रोड स्थित मदरसा दारुल उलूम हबीबुर्रजा में तैनात शिक्षक मोहम्मद शहाबुद्दीन पिछले लगभग 28 वर्षों से फर्जी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट अंकतालिकाओं व प्रमाण-पत्रों के आधार पर शिक्षण कर रहे हैं। इसी के जरिए वे अब तक वेतन अवैध रूप से आहरित कर चुके हैं।

यह भी पढ़ें:Bahraich: बहराइच पुलिस की श्रावस्ती के हिस्ट्रीशीटर से मुठभेड़, पैर में गोली लगने से घायल, चीनी व्यापारी से लुटे थे 10 लाख

साक्ष्य सहित 10 दिनों में रिपोर्ट देने के निर्देश

शिकायतकर्ता अनवर खान ने बताया कि वर्ष 2024 में उन्होंने इस संबंध में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को शिकायती पत्र दिया था। शिक्षक के प्रमाण-पत्रों के सत्यापन की मांग की थी। लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी गोंडा व मुख्य विकास अधिकारी को भी पत्र सौंपा, लेकिन आरोप है कि संबंधित शिक्षक की पत्रावली अब तक जिलाधिकारी को नहीं सौंपी गई है। यह मामला मंडलायुक्त देवीपाटन शशि भूषण लाल सुशील तक पहुंचा। तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए उप निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण को शिकायती पत्र में दर्ज आरोपों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का स्पष्ट निर्देश दिया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह मामला व्यक्तिगत रूप से देखा जाए। संलग्न तथ्यों की साक्ष्य सहित पुष्टि कर 10 दिनों में रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।