गोंडा जिले के वजीरगंज विकासखंड में पूर्व में तैनात रहे खंड विकास अधिकारी शिवमणि को वहां से हटाए जाने के बाद लगातार विवादों से घिर गए हैं। तैनाती न मिलने से नाराज खंड विकास अधिकारी शिवमणि जिला विकास अधिकारी के कार्यालय में घुस गए। उनसे गाली-गलौज और अभद्रता की। आरोप है कि इस दौरान बीडीओ ने कई सरकारी अभिलेख भी फाड़ दिए। हंगामा और शोर शराबा सुनकर जब कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो बीडीओ धीरे से कार्यालय से बाहर निकल गए। लेकिन कर्मियों ने विकास भवन का गेट बंद कर उन्हें रोक लिया। इस दौरान वह घंटों तक बंधक बने अपनी कार में बैठे रहे। हंगामे और बवाल की सूचना पर पहुंची नगर कोतवाली पुलिस भी अफसरों की लड़ाई में असहाय नजर आई। वरिष्ठ अफसरों के हस्तक्षेप के बाद कर्मियों ने गेट खोला और डीडीओ को बाहर निकाला। यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद शासन ने वीडीओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इन आरोपों के कारण वीडीओ हुए निलंबित खण्ड विकास अधिकारी शिवमणि कार्यालय स्टाफ के साथ अभद्र आचरण करने, स्थानान्तरित विकास खण्ड में कार्यभार ग्रहण न करने के आरोप है। इसके अलावा सम्पूर्ण समाधान दिवस में अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने। उपायुक्त, श्रम रोजगार का फोन रिसीव न करने, मुख्य विकास अधिकारी के दिये गये निर्देश का पालन न करने, परियोजना निदेशक, डीआरडीए के साथ अमर्यादित एवं असंसदीय आचरण करने, कार्यालय आदेश का उल्लंघन करने, परीक्षा ड्यूटी से अनुपस्थित रहने एवं सोशल एवं प्रिन्ट मिडिया में अनर्गल बयान देने के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि के दौरान खंड विकास अधिकारी शिवमणि कार्यालय आयुक्त ग्राम्य विकास उत्तर प्रदेश लखनऊ से सम्बद्ध रहेंगे।