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Payriya पायरिया का कारण व निवारण, इससे कैसे करें दांत व मसूड़ों की सुरक्षा जाने विशेषज्ञों की राय

Payriya पायरिया मसूड़ों की व्याधि है। अज्ञानता वस लोग इसे दातों का रोग समझते हैं। यह अवश्य है कि इस रोग से दांत सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। क्योंकि यह मसूड़ों के सबसे अधिक निकट होते हैं। मसूड़े दांत की गर्दन के चारों ओर घेरे रहते हैं। यदि यह अस्वस्थ रहेंगे तो फिर दांत कैसे स्वस्थ रहेंगे।

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विशेषज्ञ बताते हैं कि पायरिया में मसूड़ों में सूजन आ जाती है। वह फूल कर मोटे हो जाते हैं। रक्त वाहिनी में रक्त का बहाव बहुत ही तेज हो जाता है। दांतो की खाली जगह में भोज्य पदार्थ चढ़कर दुर्गंध पैदा करते हैं। इन खाली जगहों में जब भोज पदार्थ की गंदगी जमा होती है। तो संक्रमण के कारण उनकी गहराई बढ़ जाती है। जिसे चिकित्सीय भाषा में pocket formation कहते हैं। pocket की गहराई जितनी अधिक होती है। दांतों की मजबूती के लिए उपलब्ध सूत्रधार संरचनाएं की पकड़ ढीली हो जाती है। जिससे दांत हिलने लगते हैं। तथा दांतों से मवाद व रक्त निकलने के साथ-साथ दर्द होने लगता है।

ब्रश करते समय रखें इन बातों का ध्यान

दांत की सतह कागज की तरह समतल ना होकर उत्तल तथा बीच में उभरी होती है। ब्रश के बालों को इन सतह पर टिका कर यदि आगे पीछे सीधे खींचा गया तो बीच की उभरी सतह घिसने लगती है। जिससे दांतो की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। ब्रश करने की एक फोर इन वन टेक्निक है। यह वैज्ञानिक और प्रमाणिक भी है। ब्रश को आखिरी मोलर दांत पर टिका कर घड़ी के सुई की दिशा में तथा विपरीत में भी घुमाते हैं। इस क्रिया में ऊपरी और निचले जबड़े के दांत एक काल्पनिक वृत्त की परिधि पर स्थित माने जा सकते हैं। जहां ब्रश के बाल आसानी से हानि रहित होकर पहुंच जाते हैं। ब्रश करने की यह विधि सबसे सर्वोत्तम है।

पायरिया से बचाव के लिए निम्न बातों पर रखें ध्यान

भोजन में कम से कम शर्करा युक्त पदार्थ हो। विटामिन सी व कैल्शियम प्रचुर मात्रा में साग व हरी सब्जियों का अधिक सेवन करें। प्रयास करें कि भोजन रेशे युक्त खाद्य पदार्थों वाला हो। चिपकने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। जैसे बिस्कुट टॉफी जंक फूड आदि। यदि हम आहार में पर्याप्त सावधानी करते रहे तथा दांतों की नियमित सफाई पर ध्यान दे तो पायरिया को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उपचार से बचाव सदैव हितकर होता है।