
Gonda College
गोण्डा. जिले में एक ऐसा इण्टर कालेज है जो डेढ़ कमरे में चलता है और शौचालय भी नहीं है। केवल राम भरोसे चल रहे इस विद्यालय में पढने के लिए केवल 13 छात्र-छात्राएं हैं, लेकिन अध्यापकों की संख्या चार है। जिन्हें प्रति माह लगभग दो लाख रुपये वेतन भी सरकार से आहरित किया जाता है।
कटरा बाजार के ब्लॉक संसाधन केन्द्र कटरा बाजार के बगल स्थित भारतीय संस्कृति उ.मा. विद्यालय कटरा है जिसमें कुल तीन कमरे बने हैं। एक कमरे में प्राचार्य का कार्यालय है और दो कमरों में एक के आधे कमरे में लकड़ी रखी हुई है तथा डेढ़ कमरों में एक दर्जन छात्र छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं। कमरों में रखी बेन्च को ही देखा जाय तो विद्यालय में जितने छात्र पंजीकृत हैं, उनके ही बैठने की व्यवस्था के लिए बेंच मौजूद नहीं है। हालांकि विद्यालय मान्यता प्राप्त है। अध्यापकों को 35 से 80 हजार रुपये प्रतिमाह सरकार से वेतन भी प्राप्त हो रहा है।
इस सबके बावजूद विद्यालय बदहाल है। चारों तरफ से बाउन्ड्री वाल तक नहीं है। विद्यालय में दो ऐसे शिक्षक हैं जिसमें एक के विरुद्ध न्यायालय में वाद भी चल रहा है। तथा एक अध्यापक यहाँ के प्रबन्धक का सगा रिश्तेदार है। विद्यालय नियमों के अनुसार प्रबन्धक के सगे रिश्तेदार की नियुक्ति विद्यालय में नहीं हो सकती है।
इस सम्बन्ध में प्राचार्य बोले-
विद्यालय की व्यवस्था के सम्बन्ध में जब जानकारी की गई तो प्राचार्य शिव कुमार शुक्ला का कहना है कि विद्यालय में कुल 127 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन आज 12-13 बच्चे ही मौजूद हैं, जिनको पढाने के लिए चार अध्यापक है। जबकि शौचालय न होने के सवाल पर प्राचार्य ने कहा कि शौचालय नहीं है। प्रबन्धक से बात करके बनवाया जाएगा।
विद्यालय में स्थित दोनों कक्षाओं में एक में चार छात्र और आधे में लकड़ी रखा हुआ है। दूूसरे कमरे में भी चार पाँच छात्र पढ़ते मिले। छात्र आनन्द व एक छात्रा से जब श्लोक सुनाने को कहा गया तो उसने श्लोक तो सुना दिया, लेकिन श्लोक का अर्थ नहीं बता सके। इसी बीच बेसिक शिक्षाधिकारी संतोष कुमार देव पाण्डेय भी विद्यालय पहुंच गये और एक छात्रा से श्लोक सुना, लेकिन छात्रा उन्हें भी अर्थ नहीं बता सकी।
कहते हैं जिलाधिकारी-
जिलाधिकारी जे.बी सिंह को जब इस बाबत जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि विद्यालय में शौचालय नहीं है यह गम्भीर प्रकरण है। इसकी तत्काल जांच के लिए अपर जिलाधिकारी रत्नाकर मिश्रा को निर्देश दिया कि विद्यालय की तीन दिवस में जांच कर कार्यवाही करें। शौचालय नहीं है तो कारण पूछे और शौचालय का निर्माण करें। जिलाधिकारी ने बताया कि विद्यालय में अनियमितता पाई जाती है तो विद्यालय की मान्यता निरस्त करने की कार्यवाई की जायेगी।
Published on:
02 Dec 2017 09:39 pm
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