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सोशल ऑडिट के दौरान स्थलीय सत्यापन में खुली गांव के विकास की पोल, कई कार्यों में मिली अनियमितता कोऑर्डिनेटर बोले सौंपेंगे रिपोर्ट

गोण्डा सोशल ऑडिट टीम के द्वारा स्थलीय सत्यापन में गांव के विकास कार्यों में हुई अनियमितता की पोल खुल गई। कई काम ऐसे मिले जिसमें ग्रामीणों को यह पता नहीं था। कि कि इस पर बिना काम कराए भुगतान हो गया है।

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जिले के विकास खंड के ग्राम पंचायतों में धांधली रुकने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को हलधरमऊ ब्लॉक के ग्राम पंचायत कुंवरपुर अमरहा में सोशल ऑडिट के दौरान गांव में हुए विकास कार्यों की कई गंभीर खामियां उजागर हुई। जिसमें कहीं सत्र 2018-19 में कराये गए कंदुवन पुरवा में तालाब जीर्णोद्धार कार्य तो वही कार्य 2021-22 में कुँवरपुर अमरहा विशुनपुर सरहद के पास तालाब का जीर्णोद्धार कार्य जो पांच साल से कम ही समय मे एक ही साइड पर अलग अलग नाम देकर कार्य किया गया। वहीं एक काम प्राथमिक विद्यालय से रेलवे क्रासिंग सड़क के दाई व बाईं पटरी पर मिट्टी पटाई व साफ सफाई पर तो ऐसा पाया गया कि जो काम भी नही हुआ और वह उस ग्राम के राजस्व नक्शे में भी नही है। उस पर भी सरकारी धन का बन्दरबांट हुआ। वहाँ उपस्थित हमीचंद गोस्वामी द्वारा बताया गया कि यह काम मौके पर नही हुआ है। सिर्फ कागजों में काम करके पैसे का बंदर बांट कर लिया गया है। नहर पुलिया से मनोज बी०डी०सी० के घर तक सड़क के दोनों पटरी पर मिट्टी पटाई व साफ सफाई कार्य का जांच किया गया तो ग्रामीण प्रिंस ने बताया कि यह काम नही हुआ है। जब आप लोग यह पूछे हैं तब हमको जानकारी हुआ है कि यह काम का पैसा निकाला गया है। मजे की बात तो यह है कि जब ग्राम प्रधान से वृक्षारोपण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 1400 पेड़ वृक्षारोपण के लिए समूह द्वारा दिया जा रहा था। उसमें से मैंने 600 पौधे लिए पैसा पूरे पौधे का हुआ और मजदूरी भी 5 साइड दिखाकर मजदूरी भेजी गई है। ग्रामीणों ने ऑडिट टीम को बताया कि हमारे गांव में सिर्फ अंशुल भारती के खेत मे पौधरोपण हुआ हैं। और वहीं पर फ़ोटो लिया गया है। इसके अलावा कहीं कोई पौधे का रोपण कार्य नही हुआ। वहीं द्वारिका बाबा के घर से तालाब तक ह्यूम पाइप नाली निर्माण के निरीक्षण में पाया गया कि नाली मानक विहीन बनी है। जिसमें नाली के नीचे गिट्टी व सीमेंट मसाले का प्रयोग नही किया गया और पाइप भी छोटी डाली गई है। ग्रामीणों ने बताया कि इस ग्राम पंचायत में ऐसे कई काम हैं जो कागज में तो हैं परंतु ज़मीनी स्तर पर नही है और उस कार्य का पेमेंट भी हो चुका है जिसकी यदि गहनता से निष्पक्ष जाँच और भौतिक स्थलीय सत्यापन कराया जाय तो बड़े पैमाने पर भारी मात्रा में लाखों रुपयों के सरकारी धनराशि के फर्जीवाड़ा और बंदरबांट का खुलासा हो सकता है। जिला कोआर्डिनेटर ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि इस सब सम्बन्ध में जांच रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी जाएगी।