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Right to Information Act-2005: 30 दिन के भीतर सूचना न देने पर इन धाराओं के अंतर्गत दंडित हो सकते अधिकारी

Right to Information Act-2005: राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश डॉ दिलीप कुमार अग्निहोत्री ने जन सूचना अधिकारियों से कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम 2005 का विधिवत अध्ययन कर लें। 30 दिन के भीतर सूचना मांगने वाले को सूचना न उपलब्ध कराने पर इन धाराओं में दंड का प्रावधान है।

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Right to Information Act-2005

अधिकारियों को संबोधित करते राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप कुमार अग्निहोत्री

Right to Information Act-2005: राज्य सूचना आयुक्त, डॉ दिलीप कुमार अग्निहोत्री ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के सभी विभागो के जनसूचना अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

Right to Information Act-2005: यूपी के राज्य सूचना आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के तहत जन सूचना अधिकारी वादी को प्रत्येक दशा में प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर उसे 30 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध कराये। धारा-6 के तहत आवेदक जिस दिन से आप से सूचना मांगी है। उसे 30 दिन के अन्दर सूचना उपलब्ध कराना होगा। धारा-6 आधारभूत व महत्वपूर्ण धारा है। इसी धारा-6 के आधार पर वादी को समय पर सूचना नही उपलब्ध कराने पर राज्य सूचना आयोग द्वारा दण्ड निर्धारित किया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सूचना आयोग निर्धारित समय पर सूचना नही देने पर चाहे तो प्रथम अपीलीय अधिकारी को भी दण्डित कर सकता है। सूचना विस्तृत होने पर भी वादी को अवगत कराते हुए नियमानुसार फीस लेते हुए समय पर सूचना उपलब्ध कराये एवं वादी को रजिस्ट्री डाक से अवगत कराते हुए सुरक्षित साक्ष्य अपने पास रखें।

30 दिन के भीतर सूचना न उपलब्ध कराने पर आवेदक सीधे राज्य सूचना आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कर सकता

उन्होंने कहा कि आवेदन प्राप्त होने के बाद यदि दूसरे विभाग से संबंधित है तो प्रार्थना पत्र को पाॅच दिन के भीतर संबंधित विभाग को हस्तान्तरित कर दें। उन्होंने कहा कि आवेदक को 30 दिन के भीतर सूचना नही देने पर आवेदक सीधे राज्य सूचना आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

सूचना मांगने वाले आवेदक को ऐसी सूचना दें जिससे वह संतुष्ट हो जाए

जन सूचना अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वादी को ऐसी सूचना दें। जिससे वह संतुष्ट हो जाये। उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के तहत विभागीय आवेदन रजिस्टर प्रारुप-3 बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने उपस्थित सभी कर्मियों से कहा कि राष्ट्रहित से संबंधित कोई भी सूचना नही दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार प्रशासन में पारदर्शिता लाने व भ्रष्टाचार को कम करना है। उन्होंने इस मौके पर उपस्थित कर्मियों को धारा-6, प्रथम व द्वितीय अपीलीय अधिकारी, धारा-18, धारा-19ए, 19-3 आदि की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी सूचना के अधिकार के अधिनियम की नियमावली पढ़ लें व उसी के अनुरुप कार्यवाही सुनिश्चित करे। उन्होंने मण्डल के सभी जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के नाम, पते, कार्यालय का पता, मोेबाइल नम्बर, व ई-मेल ऐड्रेस उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। इस दौरान अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, जिला विकास अधिकारी सहित अन्य सभी संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे।