
सांकेतिक फोटो जेनरेट AI
गोंडा जिले में घाघरा और सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले वर्ष नदी की धारा बांध से 3 किलोमीटर दूर थी। बाढ़ के दिनों में काटन करते हुए 1 किलोमीटर तक पहुंची थी। तथा अंतिम दिनों में बांध से 500 मीटर दूर बह रही थी। इस बार नदी ने अपना रास्ता बदल लिया। अब नदी बांध से टकराकर बहाने के कारण आसपास के कई गांव पर खतरा बनने लगा है। प्रशासन ने नदी के आसपास के गांव में अलर्ट जारी कर दिया। बांध की सुरक्षा के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
गोंडा जिले में घाघरा और सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बहुवन मदार मांझा गांव के सामने सरयू की दो धारा एक बाराबंकी जिले के परसावल की तरफ तो दूसरी चंदापुर किटौली की तरफ होती थी। इस वर्ष दोनों धारा एक में परिवर्तित हो चुकी है। इस वजह से बांध पर दबाव बढ़ गया है। नदी अभी से कटान करने लगी है। बचाव के लिए परखोपाइन, कटर लगाया गया है। बल्ली पायलिंग का काम चल रहा है। पत्थर, बोल्डर भी डाले जा रहे हैं। बांध को बचाने के लिए बनाए जा रहे तीन स्परों का निर्माण भी अभी अधूरा है। गुरुवार की सुबह केंद्रीय जल आयोग की आई रिपोर्ट के मुताबिक सरयू नदी का जलस्तर एल्गिन ब्रिज पर सुबह आठ बजे 105.400 मीटर रिकाॅर्ड किया गया। ये खतरे के निशान से महज 30 सेंटीमीटर नीचे है। वहीं अयोध्या में जलस्तर 91.920 मीटर दर्ज किया गया। ग्राम बहुवन मदार मांझा के पास बांध के किनारे कटान कर रही नदी का रुख सीधे बांध की तरफ हो गया है।
डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि हमारे जिले की दो तहसीलें कर्नलगंज और तरबगंज बाढ़ से प्रभावित होती हैं। नदी के किनारे और उसके आसपास के गांव में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है इसके लिए मार्कड्रिल का आयोजन किया गया था। सारी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। सारी स्थितियों का आकलन किया गया है। यदि बाढ़ जैसी कोई स्थिति उत्पन्न होती है। तो उसके लिए हमारी तैयारी पूरी है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। बांध की सुरक्षा के लिए लगातार काम हो रहा है। फिलहाल बांध को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।
Published on:
03 Jul 2025 10:18 am
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