
राशन की दुकान की सांकेतिक फोटो जेनरेट Ai
गोंडा जिले में खाद्यान्न वितरण में गंभीर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में मृत ग्राम विकास अधिकारी से सत्यापन कराए जाने की बात उजागर होने पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। परसपुर के पूर्ति निरीक्षक और संबंधित कोटेदार के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
गोंडा जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम नरायनपुर मर्दन का है। गांव के रहने वाले राजेश कुमार ने 7 जुलाई 2025 को अदालत में अर्जी दाखिल कर शिकायत की थी कि गांव के उचित दर विक्रेता सुनील कुमार खाद्यान्न वितरण में धांधली कर रहे हैं। सबसे हैरानी की बात यह रही कि वितरण का सत्यापन एक ऐसी ग्राम विकास अधिकारी से कराया गया। जिनका निधन दो वर्ष पहले 15 नवंबर 2022 को हो चुका था।
शिकायतकर्ता के अनुसार, इस संबंध में 30 अप्रैल 2025 को जिलाधिकारी से शिकायत की गई थी। मामले की जांच का जिम्मा उपजिलाधिकारी करनैलगंज ने नायब तहसीलदार और पूर्ति निरीक्षक अनुज कुमार को सौंपा था। दोनों ने जांच रिपोर्ट तो जमा कर दी। लेकिन मृत अधिकारी से कराए गए सत्यापन की पड़ताल नहीं की।
राजेश कुमार का कहना है कि इस पूरे मामले की सूचना पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार न्यायालय ने मामले में सुनवाई करते हुए उपलब्ध साक्ष्यों और परिस्थितियों के आधार पर कोतवाली देहात के प्रभारी निरीक्षक को आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करने का आदेश दिया।
Updated on:
17 Oct 2025 01:49 pm
Published on:
17 Oct 2025 01:48 pm
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