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गोरखपुर में घूम रहा है आदमखोर बिज्जू…क्षेत्र में फैली है दहशत

बिज्जू तालाबों और नदियों के कगारों में 25-30 फुट लंबी माँद बनाकर रहता है। इसके शरीर का ऊपरी भाग भूरा, बगल और पेट काला तथा माथे पर चौड़ी सफेद धारी होती है। हर पैर पर पाँच मजबूत नख होते हैं जो माँद खोदने के काम आते हैं। यह अगले पैर से माँद खोदता जाता है और पिछले पैरों से मिट्टी दूर फेंकता जाता है। यह अपने पुष्ट नखों से कब्र खोदकर मुर्दा खा लेता है। बिज्जू आलसी होता है और मंद गति से चलता है। यह सर्वभक्षी है।

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राजघाट थानाक्षेत्र के रायगंज इलाके के लोग आदमखोर जानवर बिज्जू को देखकर दहशत में हैं। कब्र से मुर्दा निकालकर खाने वाला यह जानवर दो महीने पहले दिखा था, लेकिन अचानक से गायब हो गया। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को भी दी थी।

टीम ने कुछ लोगों को भेज रात 11 से 12 बजे तक निगरानी भी कराई थी पर वह नहीं मिला।
सोमवार की रात 2 से 3 बजे करीब रायगंज में आदर्श सिंह के घर की छत पर फिर बिज्जू दिख गया। आदर्श ने बताया कि सोमवार रात में अचानक से उनकी नींद टूटी। उन्होंने अपने से दो से तीन फिट की दूरी पर इस जानवर को देखा। नेवले की तरह दिखने वाले वन्य जीव को अचानक से देखकर उनके होश उड़ गए। तब याद आया कि ये वही वन्य जीव है, जो दो महीने पहले भी रात में दिखा था। उन्होंने बताया कि जानवर उन्हें देख कर अंधेरे में दूसरी छत पर कूदकर भागने लगा। रात में ही अपने फोन से इस जानवर का वीडियो बना लिया। इतने करीब से जानवर को देखने की वजह से फोन में लिए वीडियो और फोटो को गूगल लेंस पर जाकर सर्च किया तो पता चला कि नेवले की तरह दिखने वाला जानवर बिज्जू था। बताया कि गूगल लेंस पर पढ़कर जाना कि ये आदमखोर जानवर है। कब्र से शव बाहर निकाल कर खाने के साथ छोटे बच्चों को भी इससे खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि दो महीने पहले भी ये हमारे घर के ही आस-पास में निकला था। दिन में ये नहीं दिखता है, जबकि रात में अपने आप सामने आ जाता।

डीएफओ विकास यादव ने बताया कि ये बिज्जू जानवर है। बिल्ली की तरह का जानवर होता है। इससे खतरा नहीं है। फिर भी अगर रिहायशी इलाके में है, तो उसे नियंत्रित किया जाएगा।