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एक मेडिकल स्टूडेंट ऐसा भी…ग्यारह साल से नहीं पास कर पाया फर्स्ट ईयर का एक्जाम, नहीं खाली कर रहा है हॉस्टल

गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में एक छात्र ने SC कोटे से साल 2014 में MBBS में एडमिशन लिया। उसके एमबीबीएस का 5 साल का कोर्स 2019 में खत्म होना था लेकिन आज 2025 भी बीत गया वही फर्स्ट ईयर में ही अटका है।

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फोटो सोर्स: सोशल मीडिया, ग्यारह साल से एक ही क्लास में मेडिकल छात्र

गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज से एक स्टूडेंट के बारे में चौंकाने वाली जानकारी मिली है। आजमगढ़ का रहने वाला यह स्टूडेंट वर्ष 2014 में SC कोटे से प्रवेश लिया था तबसे लेकर आज तक वह (11 सालों) से प्रथम वर्ष में ही पढ़ाई कर रहा है। उसने पहले साल ही एक्जाम दिया था और वह किसी भी सब्जेक्ट में पास नहीं हुआ। इसके बाद उसने फिर कभी एग्जाम नहीं दिया। कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद से ही उसे हॉस्टल भी अलॉट हुआ था।

ग्यारह साल से एग्जाम छोड़ रहा है छात्र

पिछले 11 साल से वह उस हॉस्टल में रहकर एक ही क्लास में पढ़ाई करता है। हर साल एग्जाम छोड़ता और फिर से उसी क्लास में एडमिशन लेकर पढ़ाई करता। इस वजह से दूसरे छात्रों को दिक्कत हो रही है। बताया जा रहा है कि वह क्लास भी अटेंड नहीं करता। जबकि कॉम्पटेन्सी बेस्ड मेडिकल एजुकेशन के नियमों के हिसाब से किसी भी छात्र के लिए 75 प्रतिशत थ्योरी और 80 प्रतिशत प्रैक्टिकल में अटेंडेंस जरूरी है। इस नियम का भी उस छात्र ने पालन नहीं किया है।

MBBS पढ़ाई का यह है नियम

वहीं नेशनल मेडिकल कमीशन के ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रूल 2023 के अनुसार, MBBS के पहले वर्ष की परीक्षा के लिए छात्र को चार साल के अंदर इसे पास करना होता है। जबकि पूरे कोर्स को नौ साल के अंदर पूरा करना अनिवार्य है, जिसमें इंटर्नशिप शामिल नहीं होता।इसके अलावा CBME गाइडलाइन के 75 प्रतिशत थ्योरी और 80 प्रतिशत प्रैक्टिकल में अटेंडेंस को भी जरुरी है। जबकि इस मामले में छात्र ने इन नियमों का घोर उल्लंघन किया है। एनएमसी के एफएक्यू में स्पष्ट है कि चार प्रयासों में सप्लीमेंट्री परीक्षा भी गिनी जाती है।

डॉक्टर रामकुमार, प्राचार्य

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामकुमार ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही मुझे इस मामले की जानकारी मिली है. कॉलेज प्रशासन और टीचर उसको कई बार काउंसलिंग कर मोटिवेट किए हैं लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ है। प्राचार्य ने कहा कि कालेज की अकादमिक टीम के सामने यह मुद्दा उठाया जाएगा फिर छात्र के भविष्य पर निर्णय लिया जाएगा।