
गोरखपुर पुलिस की भारी चूक का खामियाजा भाजपा पदाधिकारी को भुगतना पड़ा, इतना ही नहीं उनके साथ दरोगा द्वारा बदसलूकी का आरोप भी लगा है। मामला कैंपियरगंज थाना पुलिस का है। पुलिस ने भाजपा के मंडल मंत्री अजय कुमार तिवारी को एक ऐसे वारंट के आधार पर हिरासत में ले लिया, जो किसी दूसरे व्यक्ति के नाम जारी हुआ था। न केवल उन्हें बिना जांच के गिरफ्तार कर लिया गया, बल्कि लॉकअप में बंद करके उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया गया। इस मामले को लेकर शुक्रवार को अजय तिवारी ने एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव से मिलकर थाने के SSI मनीष तिवारी और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पीड़ित BJP नेता अजय तिवारी के अनुसार, 15 मई को वह कैंपियरगंज थाने गए थे। उसी दौरान SSI मनीष तिवारी ने उन्हें एक गैर-जमानती वारंट दिखाते हुए हिरासत में ले लिया। उनका मोबाइल फोन छीन लिया गया उन्हें लॉकअप में बंद कर दिया गया। अजय तिवारी का कहना है कि जब उन्होंने विरोध किया और मामले की जांच की मांग की, तो उनके साथ थाने में गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार किया गया। उन्होंने सारी घटना थाने की सीसीटीवी में रिकॉर्ड होने की भी बात की और वीडियो फुटेज की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
BJP नेता के अनुसार आखिरकार जब बाद में संबंधित वारंट की जांच की गई तो पुलिस के होश उड़ गए। यह वारंट किसी और किसी और व्यक्ति के नाम जारी हुआ था। इसके बाद उन्हें लॉकअप से छोड़ा गया। एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने शिकायत मिलने के बाद पूरे प्रकरण की जांच कैंपियरगंज के सीओ को सौंप दी है। भाजपा नेता ने स्पष्ट कहा है कि यदि मामले में दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह आगे लंबी लड़ाई लड़ेंगे।
Published on:
17 May 2025 11:39 pm
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