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गोरखपुर

भाजपा के इस कद्दावर नेता का ऐलान, पार्टी टिकट दे या न दे लोकसभा चुनाव लडूंगा तो लडूंगा

विशेष बातचीतः भाजपा के दुर्दिन के साथियों का अब टूटने लगा सब्र, इसपूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष का छलका दर्द

गोरखपुरJan 17, 2019 / 03:41 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

Ramashish rai

भाजपा के इस कद्दावर नेता का ऐलान, पार्टी टिकट दे या न दे लोकसभा चुनाव लडूंगा तो लडूंगा

भाजपा की स्थापना काल से जुड़कर संगठन को मजबूती प्रदान करने वाले साथियों का सब्र अब टूटने लगा है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के साथ युवा मोर्चा की राजनीति करने वाले
भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामाशीष राय ने आरोप लगाया है कि 2002 में भाजपा-बसपा गठबंधन के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के कहने पर भाजपा बचाओ अभियान चलाया गया था जिसका खामियाजा आज भी वह भुगत रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजनाथ सिंह ने ही पार्टी को बचाने का आह्वान कर लाॅबिंग कराई थी जिसकी वजह से उनको आज भी वनवास काटना पड़ रहा है।
पत्रिका से विशेष बातचीत में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा कि 9 अक्तूबर 2002 को राजनाथ सिंह के कहने पर उन्होंने बसपा सरकार में भाजपा के शामिल होने का विरोध किया था। इस बैठक में 16 विधायक शामिल हुए थे। केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखा गया ताकि यूपी में कोई पर्यवेक्षक भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत हो। लेकिन उल्टे ही उन लोगों को निलंबित कर दिया गया। तब राजनाथ सिंह ने कहा कि पार्टी हित में जहर का घूंट पिजिए।
बसपा सरकार को गिराने की कोशिश हुई थी लेकिन उस वक्त तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव थोड़े से ढीले पड़ गए थे। रामाशीष राय बताते हैं कि निलंबन के बाद वे लोग पार्टी से बाहर कर दिए गए। वह बताते हैं कि 2004 में वह कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव देवरिया संसदीय क्षेत्र से लडे़ थे इसमें पौने दो लाख वोट भी पाए थे। वह अपने क्षेत्र में लगे हुए थे लेकिन एक बार फिर 2008 में अचानक से मेरी मुलाकात राजनाथ सिंह से हो गई। उन्होंने कहा कि आप लोग भाजपा को बचाने में काफी सहयोग किए हैं, पार्टी में शामिल हो जाएं। उनके कहने पर पार्टी में शामिल हो गए लेकिन इसके बाद कोई जिम्मेदारी नहीं मिली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ाने का आश्वासन दिया लेकिन टिकट नहीं मिला। जब 2014 में कलराज जी चुनाव लड़ने आए तो उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ाने का आश्वासन दिया लेकिन 2017 में भी उनके बारे में नहीं सोचा गया। श्री राय कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति जब सार्वजनिक जीवन में होता है तो चुनाव लड़ेगा या संगठन के लिए काम करेगा। लेकिन न तो उनको संगठन की जिम्मेदारी दी गई न ही चुनाव लड़ाया गया।

Ramashish rai
2019 का चुनाव किसी भी सूरत में लडूंगा

भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष/पूर्व एमएलसी रामाशीष राय का कहना है कि एक दशक से लगातार क्षेत्र में लगा हुआ हूं। 2019 में अगर बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दल या किसी दूसरे दल से चुनाव मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस-बसपा-सपा के लोग भाजपा से चुनाव लड़ सकते हैं तो भाजपा का कोई व्यक्ति क्यों दूसरे दल से चुनाव नहीं लडे़गा।

कौन हैं रामाशीष राय

भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामाशीष राय अटल-आडवाणी काल के कद्दावर नेताओं में गिने जाते रहे हैं। जेपी आंदोलन से निकले राय भाजपा के स्थापना काल से पदाधिकारी रहे। 1980 में युवा मोर्चा के ब्लाॅक अध्यक्ष रहने के वह भाजयुमो के जिलाध्यक्ष रहे। इसके बाद राजनाथ सिंह, उमा भारती, कल्याण सिंह के साथ पार्टी के विभिन्न पदों पर रहते हुए 1991 में भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हुए। 1993 में भाजपा युवा मोर्चा के तत्कालीन अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ राष्ट्रीय मंत्री बने। फिर 1996 में उमा भारती के साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे।
रामाशीष राय कलकत्ता से कटक तक एक महीना की पदयात्रा और द्वारिका से नागालैंड तक सीमा सुरक्षा अभियान की वजह से भी जाने जाते रहे हैं। 1998 में पार्टी ने उनको युवा मोर्चा की कमान सौंपी। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के पहले 1997 में ही पार्टी ने उनको एमएलसी बना दिया। भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति में धमक रखने वाले रामाशीष राय देवरिया लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं।

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