ये हैं आरोपी पुष्पा सेल्स के मनीष भंडारी
इस पर पुष्पा सेल्स में ऑक्सीजन की सप्लाई ठप करने का आरोप है। ऑक्सीजन जीवनरक्षक है। इसकी आपूर्ति बंद करना गुनाह है। इसके लिए आपूर्तिकर्ता मनीष भंडारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
निलंबित प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्रा यह है आरोप: रपट के अनुसार बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्राचार्य डॉ. राजीव मिश्रा का अपने ही स्टाफ व सहयोगी डॉक्टर्स पर कोई प्रभाव नहीं। इनके आदेशों की अनदेखी तक करते रहे। प्राचार्य को सब पता होने के बाद भी ऑक्सीजन सप्लाई सुचारू रहे इसके लिए कोई पहल नहीं की गई। यहां तक कि आपूर्ति बंद होने की चेतावनी सम्बंधित सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी। हद तो यह कि मेडिकल कॉलेज में इतने बड़े संकट की आशंका को जानने के बाद भी 9 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के तत्काल बाद छुट्टी पर चले गए। उनपर खुद मुख्यमंत्री भी आरोप लगा चुके हैं कि वह दो दिन पहले चार घंटे तक मेडिकल कॉलेज में रहे लेकिन एक बार भी इस संभावित संकट पर चर्चा नहीं की। इसलिए इनपर केस दर्ज हुआ। एसटीएफ में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
डॉ.पूर्णिमा शुक्ला निलंबित प्राचार्य की पत्नी हैं। गोला में तैनाती के बाद खुद को मेडिकल कॉलेज में संबद्ध कराया गया। फ़ोन पर कर्मचारियों से कमीशन की मांग की जाती थी। आरोप है कि पेमेंट में लेटलतीफी में इनका भी योगदान था। ये मेडिकल कॉलेज में हर मामले में अवैध हस्तक्षेप करती थीं। ऑक्सीजन मामले में आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज कराया गया है। एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था।
मेडिकल कॉलेज के लेखा विभाग का लिपिक संजय त्रिपाठी भी इस प्रकरण में आरोपी था। त्रिपाठी को को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
लिपिक उदय प्रताप शर्मा भी इस कांड में दोषी माना गया था।
स्टॉक प्रभारी व एनेस्थीसिया के हेड डॉ.सतीश कुमार
रपट के अनुसार ऑक्सीजन की सप्लाई की सुनिश्चितता डॉ.सतीश कुमार पर ही थी। डॉ.सतीश ऑक्सीजन की उपलब्धता सम्बंधित व स्टॉक आदि के प्रभारी थे। लेकिन इन्होंने कभी भी स्टॉक रजिस्टर या लॉग बुक चेक करने की जहमत तक नहीं उठाई। कर्मचारियों के भरोसे सब रहा। हद तो यह कि जब ऑक्सीजन के लिए अफरातफरी मची थी, पूरे देश की निगाहें मेडिकल कॉलेज में थी तो वह बिना किसी आधिकारिक सूचना के मुंबई 11 अगस्त को चले गए। 100 बेड वाले एईएस वार्ड में एसी ख़राब होने की लिखित शिकायत के बाद भी इन्होंने कोई सक्रियता नहीं दिखाई। ऐसा आरोप रिपोर्ट में है। बताया जा रहा एसी ख़राब होने पर मासूम बच्चों के गर्मी से बेहाल होने का जिक्र लिखित रूप से हटाए गए प्रभारी डॉ.कफील ने दी थी। इसलिए इनपर केस हुआ।
मेडिकल कॉलेज में तैनात चीफ फार्मासिस्ट गजानन जायसवाल
डॉ.सतीश कुमार के साथ आक्सीजन की उपलब्धता, लॉग बुक और स्टाक बुक का जिम्मा गजानन जायसवाल पर ही था। लॉग बुक व स्टॉक बुक में अनियमित इंट्री है। कई जगह आंकड़ों में बाजीगरी दिखाने के लिए ओवरराइटिंग भी हुई है।