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दलित शोध छात्र के उत्पीड़न के मामले में दो पर केस

पीड़ित छात्र की हालत में सुधार, पीड़ित के पिता ने भी दी तहरीर, कहाः विवि ने कमजोर केस बनवाया

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दलित शोध छात्र के उत्पीड़न के मामले में दो पर केस

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में जातीय आधार पर भेदभाव व प्रताड़ना के आरोप के मामले में छात्र की शिकायत पर विवि ने कैंट थाने में दो अज्ञात के खिलाफ धमकी देने आदि का केस दर्ज कराया है। जबकि शुक्रवार को पीड़ित छात्र दीपक कुमार के पिता की ओर भी आरोपी आरोपी तत्कालीन विभागाध्यक्ष प्रो.द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव व प्रो.सीपी श्रीवास्तव के खिलाफ तहरीर देकर केस दर्ज करने की मांग की गई है। उधर, विवि के चीफ प्राॅक्टर प्रो. गोपाल प्रसाद बीआरडी मेडिकल काॅलेज में भर्ती छात्र दीपक कुमार के स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं। ‘पत्रिका’ से उन्होंने बताया कि शोधार्थी दीपक की हालत में काफी सुधार है। डाॅक्टर्स के अनुसार जल्द ही दीपक को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

डीडीयू में दलित छात्र के आत्महत्या के प्रयास का मामला, आरोपी शिक्षकों ने लगाया एक शिक्षक पर फंसाने का आरोप https://www.patrika.com/gorakhpur-news/dalit-student-attempt-to-suicide-proffessors-alleged-colleague-3443681/?utm_source=FacebookUP&utm_medium=Social
दलित शोध छात्र के उत्पीड़न का मामला तूल भी पकड़ता जा रहा है। पूर्वांचल सेना ने शुक्रवार को डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर आरोपी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई सहित विवि के जिम्मेदारों के खिलाफ जांच की मांग की। पूर्वांचल सेना के कार्यकर्ताओं ने बताया कि पुलिस विवि के कुछ लोगों के दबाव में आकर अगंभीर धाराओं में केस दर्ज कर इसको रफादफा करना चाहती है। इन लोगों ने चेतावनी दी कि पीड़ित छात्र के पिता की तहरीर पर केस दर्ज किया जाए, अगर पुलिस प्रशासन ऐसा नहीं करता है तो वे लोग सोमवार से धरना देंगे।

डीडीयू में दलित शोध छात्र आत्महत्या के प्रयास प्रकरण में तीन सदस्यीय कमेटी, विभागाध्यक्ष हटाए गए https://www.patrika.com/gorakhpur-news/ddu-formed-committee-to-investigate-dalit-research-scholar-harassment-3443665/?utm_source=FacebookUP&utm_medium=Social

मामला तूल पकड़ते ही कुलपति ने गठित की जांच कमेटी

यूपी के विवि में प्रताड़ना से आजिज दलित शोध छात्र ने खाया जहर, विवि के उंची जाति के शिक्षकों पर आरोप https://www.patrika.com/gorakhpur-news/dalit-research-scholar-attempt-to-suicide-due-to-caste-teasing-3441941/?utm_source=FacebookUP&utm_medium=Social

गोरखपुर विश्वविद्यालय में दलित शोध छात्र के जहर खाने के बाद मामला तूल पकड़ते ही विवि ने गुरुवार की रात में आनन फानन में एक जांच कमेटी गठित कर दी। कुलपति पहले मामले में अनभिज्ञता जाहिर करते रहे लेकिन बाद में विवि के पीआरओ के माध्यम से उनके द्वारा बताया गया कि छात्र के शिकायती पत्र पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित व्यक्तियों से लिखित आख्या मांगी गयी थी। प्रकरण की जांच के लिए प्रतिकुलपति की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है। जांच होने तक विवि के दर्शन विभाग के अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव को पद से हटा दिया गया है।
गोविवि के दर्शन शास्त्र विभाग में शोध कर रहे एक दलित छात्र दीपक कुमार ने गुरुवार को अपने दो शिक्षकों प्रो.द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव व प्रो.सीपी श्रीवास्तव पर जाति ***** शब्द इस्तेमाल कर प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर आत्महत्या की कोशिश की गई। छात्र दीपक कुमार ने आरोप लगाया था कि दोनों शिक्षक उसे तीन महीने से प्रताड़ित कर रहे थे। कुलपति से जब शिकायत की तो भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, उल्टे कुछ लोग उसे जान से मारने की धमकी देने लगे। परेशान छात्र ने गुरुवार को जहरीला पदार्थ खाकर अपना जीवन समाप्त करने की कोशिश की। दलित छात्र के उत्पीड़न की खबर के संबंध में जब शाम को पत्रिका ने विवि के जिम्मेदारों से पक्ष जानने की कोशिश की तो कोई भी इस पर बोलने को तैयार नहीं था। कुलपति प्रो.वीके सिंह ने तो मामले से पूरी तरह से अनभिज्ञता जता दी थी।
पत्रिका ने मामले को प्रमुखता से उठाया। मामला तूल पकड़ते ही विवि के जिम्मेदार आनन फानन में अपना बयान जारी करने और जांच की बात करने लगे।

आखिर विवि ने माना शिकायती पत्र उसके पास पहुंचा था

विवि पीआरओ प्रो.हर्ष कुमार सिन्हा ने कुलपति की ओर से गुरुवार की शाम को बयान जारी करते हुए बताया कि यह घटना दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। छात्र के शिकायती पत्र पर कुलपति द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए सम्बंधित व्यक्तियों से लिखित आख्या मांगी गयी थी। इस बीच विवि में अपरिहार्य कारणों से अवकाश रहा और ये पक्ष विवि खुलने पर ही प्राप्त हुए। नियंता द्वारा भी उसके प्रार्थनापत्र को पुलिस को अग्रसारित कर दिया गया था।

जांच कमेटी शनिवार से शुरू कर सकती है जांच

इस पूरे प्रकरण की जांच के यिलए प्रतिकुलपति प्रो. एस के दीक्षित के संयोजकत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी। समिति में प्रो. चंद्रशेखर तथा प्रो. प्रदीप कुमार यादव सदस्य नामित किये गए हैं। जांच पूरी होने तक प्रो द्वारिकानाथ को विभागाध्यक्ष पद के दायित्व से विरत किया गया है। शनिवार को जांच कमेटी अपनी जांच प्रारंभ करेगी।


आरोपी शिक्षकों ने अपने विभागीय शिक्षक पर लगाया साजिश का आरोप

इस प्रकरण में आरोपी एक शिक्षक प्रो.सीपी श्रीवास्तव ने अपने पर लगे आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने बयान जारी किया है कि डीन के रूप में इसी 30 अगस्त 2018 को मैंने उनका शोध में पंजीकरण आदेश निकलवाया है। अतः ये कहना ठीक नही की मैने उन्हें शोध से रोका। प्रो.श्रीवास्तव ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में अपनें 38 वर्षों के अध्यापन में मैंने किसी भी विद्यार्थी/शोधार्थी को जाति ***** शब्द इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने अपने विभाग के ही एक शिक्षक पर इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगाते हुए बताया है कि 2014 में मैंने प्रो. डी एन यादव के पुत्र मनोज कुमार यादव जो क्रीमी लेयर होने के बावजूद नान क्रीमी लेयर बनकर यूजीसी जेआरएफ ले रहे थे, उसकी वसूली के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखा था। इसी का प्रतिशोध प्रो. डी एन यादव मुझसे ले रहे हैं। इसके लिए वे दीपक कुमार को गुमराह करके मोहरा बना रहे हैं।
इसी तरह तात्कालिक तौर पर पद से हटाए गए विभागाध्यक्ष प्रो.द्वारिका प्रसाद ने भी अपने विभाग के ही शिक्षक पर साजिश कर ऐसा करवाने का आरोप लगाया है। प्रो.द्वारिका प्रसाद ने भी अपने पर लगे आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि उनके कई छात्र अनुसूजित जाति के हैं। 38 साल की सेवा में कभी भी कोई आरोप नहीं लगा। उन्होंने विभाग के ही एक शिक्षक पर प्रतिशोध में शोध छात्र को उकसाने का आरोप लगाया है।


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