
शोधार्थी के उत्पीड़न मामले में दो प्रोफेसर्स पर गिरफ्तारी की तलवार, शिक्षक संघ आज मुख्यमंत्री से लगाएगा गुहार
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र विभाग के शोधार्थी द्वारा जातीय टिप्पणी से तंग आकर खुदकुशी की कोशिश के प्रकरण दो शिक्षकों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। उधर, इस प्रकरण से आक्रोशित शिक्षकों ने कुलपति से मिलकर नाराजगी जताई। शिक्षकों का कहना था कि दोनों शिक्षकों के खिलाफ बाहरी दबाव में केस दर्ज किया गया है जबकि मुख्यमंत्री से मिलकर शिक्षकों ने इस मामले में सम्यक जांच से पूर्व पुलिस कार्यवाही रोकने की मांग की थी।
मंगलवार को दिन के करीब 11 बजे विवि के शिक्षक कुलपति कार्यालय पर इकट्ठा हुए। शिक्षकों ने इस मुददे पर आक्रोश जताते हुए कुलपति से मांग किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन जिला प्रशासन से तुरन्त संपर्क करके जांच रिपोर्ट आने तक पुलिस कार्यवाही स्थगित रखने को कहे। शिक्षकों ने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो विश्वविद्यालय शिक्षक न केवल बेमियादी हड़ताल पर जाएंगे बल्कि प्रशासन के समक्ष सामूहिक गिरफ्तारी भी देंगे।
कुलपति से मिलने के बाद शिक्षकों ने सभा की। सभा के लिए एकत्र शिक्षकों ने संघ के अध्यक्ष को अधिकृत किया कि वे कल पुन: मुख्यमंत्री से मुलाकात करके इन परिस्थितियों में शिक्षकों के दुख और क्षोभ से अवगत करायें। शिक्षकों ने एक स्वर से निर्णय लिया कि यदि प्रशासन इस बारे में कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं देता तो शिक्षक सामूहिक गिरफ्तारी देने के लिए बाध्य होंगे।
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शिक्षक संघ ने आह्वान किया है कि परिसर के आंतरिक मामलों में विश्वविद्यालय की जांच से पहले ही पुलिस कार्यवाही के विरोध में कल शिक्षक काली पट्टी बांध कर अपने आक्रोश की अभिव्यक्ति करेंगे।
सभा को मुख्य रूप से प्रो. विनोद कुमार सिंह, प्रो. चित्तरंजन मिश्र, प्रो. उषा श्रीवास्तव, प्रो. संदीप, प्रो. ए के तिवारी, प्रो. अलोक, प्रो. ओ पी पांडेय ने सम्बोधित किया।
Published on:
26 Sept 2018 01:26 am
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