सरकारी अस्पतालों में बिना सुविधा शुल्क के गरीबों का इलाज नहीं हो रहा। गुरुवार को जिला महिला अस्पताल में डाॅक्टर-नर्स ने डिलेवरी के बाद बच्चे का मुंह काफी देर तक इसलिए नहीं देखने दिया क्योंकि गरीब परिजन के पास रुपये नहीं थे। पीड़ित पक्ष ने एक हजार रुपये इंतजाम कर दिए लेकिन इतनी कम रकम पर मानने को तैयार नहीं थे। हालांकि, जब मामला पुलिस तक पहुंचा तो पीड़ित को बच्चा मिल सका।