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गोरखपुर के चर्चित विधायक रहे ओमप्रकाश पासवान का हत्यारोपी कोर्ट से बरी

चुनावी जनसभा के दौरान ताबड़तोड़ बम मारकर हत्या कर दी गई थी, छह आरोपियों में अधिकतर का पुलिस कर चुकी है एनकाउंटर

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गोरखपुर। चर्चित विधायक रहे स्वर्गीय ओम प्रकाश पासवान की हत्या के आरोपी राकेश यादव बरी कर दिए गए हैं। विशेष न्यायाधीश एससी, एसटी एक्ट सीताराम वर्मा ने साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। दो दशक पूर्व एक चुनावी जनसभा के दौरान पूर्व विधायक की बम मारकर हत्या कर दी गई थी। ओमप्रकाश पासवान, बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान व विधायक डाॅ.विमलेश पासवान के पिता हैं।
25 मार्च 1996 को पूर्व विधायक ओम प्रकाश पासवान संसदीय चुनाव में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। एक ट्राली को मंच का स्वरूप दिया गया था। शाम को हो रही इस जनसभा को संबोधित करने के बाद
ट्राली पर बने मंच से पूर्व विधायक उतर रहे थे। बताया जाता है कि उसी वक्त दो बाइक पर सवार होकर चार लोग आए। ताबड़तोड़ बम से हमला किए। बम फेंकते ही चारोे ओर भगदड़ और चीख पुकार मच गई।
अचानक से हुए इस हमले में पूर्व विधायक ओम प्रकाश पासवान को संभलने का मौका तक नहीं मिला। पासवान और उनके सहयोगी कामेश्वर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।
बम से हुए इस हमले में दो दर्जन लोग घायल हुए थे। बम मारने के बाद चारों हमलावर फरार हो गए थे।
इस मामले में बांसगांव क्षेत्र के मरवटिया के रामसेवक सिंह जोकि बम से हुए हमले में मारे गए कामेश्वर सिंह के चाचा थे, ने एफआईआर दर्ज कराई थी। तहरीर मिलने के बाद बांसगांव पुलिस ने इस हाईप्रोफाइल केस में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज किया था। विवेचना के दौरान छह लोगों की संलिप्तता पुलिस ने पाई। इसमें उस समय के कुख्यात श्रीपत दाढ़ी, ब्रह्मा यादव समेत पांच की अलग-अलग वजहों से मौत हो गई। कईयों का पुलिस ने एनकाउंटर किया था। सिर्फ एक आरोपी राकेश यादव ही जिंदा था। राकेश ने न्यायालय में पेश होकर खुद को बेगुनाह बताते हुए फंसाए जाने की बात कही थी। कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाह पेश किए गए। लेकिन राकेश को गुनहगार साबित नहीं कर सके। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आरोपी राकेश यादव को सभी आरोपों से बरी कर दिया।