
फर्जी IAS के अब शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की हो रही जांच, PC- X
गोरखपुर: खुद को IAS अधिकारी बताकर करोड़ों की ठगी करने वाले आरोपी ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार सिंह के खिलाफ रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब उसके शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। पुलिस ने हाईस्कूल से लेकर स्नातक (BSc) तक के सभी दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। साथ ही, उसके PhD के दावे की भी पड़ताल की जा रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी की असली जन्मतिथि 1992 बताई जा रही है, लेकिन हाईस्कूल का दोबारा प्रमाणपत्र बनवाते समय उसने जन्मतिथि 2005 दिखाई। उसने ओपन यूनिवर्सिटी से हाईस्कूल पास किया था। आरोपी खुद को गणित में PhD धारक बताता था, लेकिन जांच में यह दावा भी संदिग्ध पाया गया है। पुलिस ने संबंधित शिक्षा बोर्ड और विश्वविद्यालयों से पत्राचार कर दस्तावेजों का सत्यापन शुरू कर दिया है।
आरोपी ने फर्जी IAS की छवि बनाने के लिए आयु, योग्यता और पद से जुड़े कई फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए थे। गोरखनाथ सीओ रवि सिंह ने बताया कि सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेज उपयोग की अतिरिक्त धाराएं लगाई जा सकती हैं। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि दस्तावेज तैयार करने में कोई गिरोह या अन्य व्यक्ति शामिल तो नहीं है।
इससे पहले खुलासा हुआ था कि बिहार के सीतामढ़ी निवासी ललित किशोर की चार गर्लफ्रेंड हैं, जिनमें से तीन गर्भवती हैं। वह लाल-नीली बत्ती वाली गाड़ी, गनमैन और स्टेनोग्राफर की टीम के साथ रौब दिखाता था।
ठगी के एक मामले में बिहार के मोकामा निवासी व्यापारी मुकुंद माधव से बरामद 99.09 लाख रुपये आयकर विभाग ने सोमवार को स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में जमा करा दिए। व्यापारी इस रकम का स्रोत बताने में असफल रहा। पुलिस ने 7 नवंबर को गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर वैशाली एक्सप्रेस में सवार होने से पहले उसे पकड़ा था। यह रकम ललित किशोर ने 2 करोड़ की ठगी में частично लौटाई थी।पुलिस जांच में आरोपी का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश तक फैला पाया गया है। कई पीड़ितों से ठगी के मामले सामने आ रहे हैं।
Published on:
16 Dec 2025 04:00 pm
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