गोरखपुर स्थित चिड़ियाघर में एक माह में ही चार जानवरों की मौत हो गई है। प्रशासन को इस बात का डर है कि कही किसी और जानवर को कोई दिक्कत न हो। इसके लिए चिड़ियाघर अब नए सिरे से अन्य जानवरों की जांच का फैसला लिया है।
गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में वन्य जीवों की लगातार मौतों से लखनऊ तक हड़कंप मचा गया है। यह चिड़ियाघर सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है।मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर इस मामले को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग और चिड़ियाघर प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि किसी भी हाल में संक्रमण पर तुरंत नियंत्रण किया जाए और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
गोरखपुर चिड़ियाघर में एक महीने के भीतर चार जंगली जानवरों की मौत हुई है जिसमें एक बाघ, एक बाघिन, एक तेंदुआ और एक भेड़िए की मौत हो चुकी है। जानवरों की जांच की गई तब प्रारंभिक अवस्था में H5 एवियन इंफ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई है। जानवरों के स्पेशलिस्टों ने बताया कि यह वायरस संक्रमण द्वारा तेजी से फैलता है। इसको देखते हुए अन्य जानवरों की लगातार निगरानी की जा रही है और कुछ संवेदनशील प्रजातियों को अलग भी रखा गया है जहां अन्य कोई जानवर नहीं जा सकता है। चिड़ियाघर में लगातार मौतों पर मुख्यमंत्री ने भी संज्ञान ले लिया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मृत वन्यजीवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को जल्द से जल्द सार्वजनिक किया जाए और संक्रमण की सटीक वजह सामने लाई जाए। इसके साथ ही चिड़ियाघर में साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन और अन्य रोकथाम उपायों को तेज करने के आदेश दिए गए हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों की एक टीम गोरखपुर भेजी गई है जो वायरस की जांच, निगरानी कर रही है। इस बीच जनता के लिए अगले आदेश तक चिड़ियाघर बंद है।