
राजीव रौतेला
गोरखपुर. गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव कुमार रौतेला को उत्तराखंड कैडर में वापस भेजे जाएंगे। उत्तराखंड कैडर का होने के बाद भी कई अफसर यूपी में तैनात थे। डीओपीटी ने इन अफसरों को वापस भेजने के लिए राज्य को कहा था। रौतेला को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ख़ास अधिकारी माना जाता है। मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ ने उनको अपने जिले की कमान सौंपी थी।
लेकिन उत्तराखंड सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों की कमी के चलते डीओपीटी से अपने अफसरों की मांग की थी। इस मसले पर बीते दिनों डीओपीटी ने भी राज्य सरकार को पत्र लिखकर राजीव रौतेला समेत 4 आईएएस व 21 पीसीएस को वापस भेजने को कहा था। पत्र में कहा गया था कि जब इन अफसरों को उत्तराखंड कैडर अलॉट है तो इनको यूपी में क्यों तैनात किया गया है। डीओपीटी ने राज्य को जल्द निर्णय लेने को कहा था। इस पत्र के बाद इन अफसरों को उत्तराखंड भेजे जाने का रास्ता साफ हो गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़ास रहे हैं
जिलाधिकारी गोरखपुर रहते हुए राजीव कुमार रौतेला ने यहां कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन मुख्यमंत्री का वरदहस्त होने के नाते उनकी कुर्सी पर कोई आंच नहीं आई। देश-प्रदेश के सबसे चर्चित बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रकरण में भी डीएम राजीव रौतेला पर भी ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी की चेतावनी वाली चिट्ठी की अनदेखी का आरोप लगा था लेकिन इनपर किसी तरह की आंच नहीं आई। हालांकि, ऑक्सीजन कांड में बच्चों की मौत के मामले डीएम ने एक जांच भी कराई। यह रिपोर्ट भी शासन को भेजी गई। इस रिपोर्ट और मुख्यसचिव की कमेटी वाली जांच रिपोर्ट में कोई ज्यादा असमानता नहीं रही। और इन्हीं रिपोर्ट्स के आधार पर कार्रवाई तय की गई।
वर्ष 2002 बैच के आईएएस राजीव रौतेला मूलरूप से उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले हैं । राजीव ने आगरा के सेंट जोंस कॉलेज से प्रारंभिक पढ़ाई की, फिर बाद की पढ़ाई इलाहाबाद से पूरी की । इसी दौरान सिविल सर्विसेज में उनका चयन हो गया । राजीव रौतेला को तेज तर्रार प्रशासनिक अधिकारी माना जाता है । अप्रैल 2017 में योगी सरकार के गठन के बाद उन्हें जिले की कमान दी गई थी ।
Updated on:
07 Sept 2017 08:42 pm
Published on:
07 Sept 2017 08:11 pm
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