
गोरखपुर। कहीं हिंदू-मुस्लिम और फर्जी राष्ट्रवाद के मुद्दे को लेकर हमारे रहनुमा व्यथित हैं तो कहीं जातिय अस्मिता और इतिहास से छेड़छाड़ पर
देश में बवंडर खड़ा हो जा रहा, कानून-व्यवस्था की संकट उत्पन्न हो जा रही। लेकिन इन सब झंझावतों के बीच पूर्वांचल में अनजाने में लिखे जा रहे एक विद्रुप इतिहास को लेकर कोई चिंतित नहीं है। इतिहास के उस काले अध्याय को लेकर भी कहीं चिंता नहीं दिख रही जो सरकारों की नाकामी, राजनीति के सबसे स्याह पक्ष को दर्शाने जा रहा। लेकिन न सरकार को इससे कोई फर्क पड़ता दिख रहा और न ही दूसरे बकवास मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरने वाले उस दिशाहीन प्रदर्शनकारियों को।
आलम यह कि जिस भारत के भविष्य की दुहाई हर राजनैतिक मंच पर दी जाती, वह भविष्य पूर्वांचल में तिल तिलकर मर रहा लेकिन आश्वासनों और दावों के अतिरिक्त कुछ भी इन मरते हुए मासूमों के हिस्से में नहीं आ रहा।
सबसे अहम यह कि जो मासूमों की मौत पर सबसे अधिक व्यथित और चिंतित दिखते थे वह जब सत्ता में आए तो वह भी सत्ता की भाषा बोलने और समझाने लगे। दुःखद यह कि इंसेफेलाइटिस के मुद्दे को सबसे अधिक सड़क से लेकर सदन तक उठाने वाले योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्रित्व काॅल में बीआरडी मेडिकल काॅलेज में मासूम बच्चों की सर्वाधित मौतें हुई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार साल 2017 में बीआरडी मेडिकल काॅलेज में तीन हजार से अधिक मासूम काल कवलित हो चुके हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या नवजातों की है।
बीआडी मेडिकल काॅलेज के पिछले तीन सालों के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में 2032 नवजात काल के गाल में समा गए। जबकि 1207 बच्चों की पीडियाट्रिक्स वार्ड में मौत हुई है। ऐसे में 2017 में करीब 3239 मासूमों की मौत हुई है। अगर 2017 के पूर्व के वर्षाें में मौतों का आंकड़ा देखे तो 2016 में कुल 2988 मासूमों की मौत हुई है। इसमें 1513 नवजात और 1475 एक माह के अधिक उम्र के बच्चे शामिल हैं। इसी तरह 2015 में 2206 मासूमों की मौत हुई है। इसमें एक माह से ज्यादा उम्र के 1271 तो 935 नवजातों की मौत हुई है। जबकि 2014 में 1734 मासूम काल के गाल में समा गए।
बहरहाल, आप हिंदू-मुसलमान, राष्ट्रवाद और जातीय अस्मिता की लड़ाई लड़ते रहिए और यहां मासूम जिंदगियां खत्म होती रहे।
साल एनआईसीयू पीआईसीयू कुल
2014 603 1131 1734
2015 935 1271 2206
2016 1513 1475 2988
2017 2032 1207 3239
नोटः एनआईसीयू यानी नियोेनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट। एनआईसीयू में एक माह से कम उम्र के बच्चों को रखा जाता। पीआईसीयू यानी पीडियाट्रिक्स इंटेंसिव केयर यूनिट।
Published on:
30 Jan 2018 04:09 pm
बड़ी खबरें
View Allगोरखपुर
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
