
सीएम के जिले में इन अधिकारियों की छुट्टियां कैंसिल, यह है वजह
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि बाढ़ एक दैवी आपदा है। इससे निपटने के लिए सभी का सहयोग एवं सावधानी आवश्यक है। बाढ़ की सुरक्षा व राहत कार्य बेहतरीन ढंग से होने चाहिए। बंधा कटान न हो इसकी पूरी तैयारी रहनी चाहिए। जनता का हित सर्वोपरि है। राहत एवं बचाव कार्य प्राथमिकता पर रखें। बंधो की निगरानी एवं प्रकाश व्यवस्था बेहतर रखें।
शनिवार को सिंचाई मंत्री ने सर्किट हाउस में बाढ़ बचाव एवं राहत कार्यों की तैयारियों की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रदेश के 40 जिले बाढ़ प्रभावित है। 26 जिले संवेदनशील और अति संवेदनशील श्रेणी में हैं। इसमें गोरखपुर भी शामिल है। इसलिए बांधों पर होने वाले नदी के अटैक स्थल तथा रेनकट या रैटहोल वाले स्थानों को प्राथमिकता के आधार पर ठीक कराएं।
मंत्री ने अधिकारियों को दिया निर्देश
जिलाधिकारी को दिया निर्देश
-बाढ़ बचाव कार्यों से जुड़े अधिकारियों की छुटिटयां (विशेष परिस्थितियों को छोड़कर) सितम्बर माह तक रद्द करें।
- सुरक्षा कार्य में कही भी ढिलाई नही होनी चाहिए। लापरवाहों के खिलाफ कार्रवाई करें।
सीएमओ से कहा
- इन्सेफेलाइटिस की दवाइयां व अन्य दवाइयों को सभी सीएचसी और पीएचसी पर उपलब्ध रखें।
- बाढ़ के दौरान जलजनित बीमारियों के निदान की पुख्ता व्यवस्था रखें।
- सांप काटने की दवा की उपलब्धता सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर बनाये रखें।
डीपीआरओ को मिला निर्देश
- जागरूकता के दृष्टिगत एक स्वच्छता अभियान चलायें।
- जलजमाव वाले स्थानों को पहले से ही चिह्नित करें और निकासी की व्यवस्था रखें
बिजली विभाग से एक्सईएन से कहा
- 48 घंटे के अन्दर ट्रांसफार्मर बदलने की व्यवस्था रखें
- यदि निर्देश के अनुपालन में विलम्ब हुआ या अधिक समय लगा तो संबंधित अभियंता के विरूद्ध कार्रवाई करें
एसडीओ को चेताया
- खाद्य सामग्री एवं मिट्टी के तेल की समुचित व्यवस्था रखें।
- राशन की भरपूर व्यवस्था रखें। किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से कहा
- पशुओं के टीकाकरण अभी से शुरू करें
- चारा भूसा आदि का इंतजाम कर लें
Published on:
11 Aug 2018 11:48 am
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