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नेपाल के बाद श्रीलंका से भी जुड़ेगा रामायण सर्किट, जानिए कौन-कौन से धरोहर शामिल किए जाएंगे इस सर्किट में

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे नेपाल के जनकपुर से अयोध्या तक बस सेवा का शुभारंभ

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Efforts of PM Modi Ramleela will now be seen and taught all over world

Ramleela-PM-Modi

गोरखपुर। नेपाल में आज जनकपुरी से भारत के अयोध्या तक बस सेवा का शुभारंभ नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। इस बस सेवा के शुभारंभ के बाद रामायण सर्किट से माता सीता का मायका भी जुड़ जाएगा। राम और रामायण से जुड़े स्थलों को यातायात सुविधा से जोड़ कर सरकार टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ सांस्कृतिक और धार्मिक जगहों का देशाटन सुमग कर रही है।

क्या है रामायण सर्किट

केंद्र और प्रदेश सरकार रामायण और श्रीराम से जुड़े स्थलों का विकास करने के लिए कार्य कर रही है। इसके लिए 15 ऐसे ऐतिहासिक स्थलों को रामायण सर्किट से जोड़ा गया है। यह देश के विभिन्न कोनों में स्थित हैं। कुछ स्थल यथा नेपाल की जनकपुरी व श्रीलंका को भी इससे जोड़ने का काम किया जा रहा है।

पहले चरण में अयोध्या में रामायण म्यूजियम व बस सेवा

यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के साथ टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ धार्मिक स्ािलों का भी विकास किया जा रहा है। रामायण सर्किट के विकास के क्रम में अयोध्या में 20 एकड़ में रामायण म्यूजियम का निर्माण कराया जा रहा है। इसी तरह 11 मई को नेपाल के जनकपुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनकपुर से अयोध्या तक माता सीता के मायके से श्री राम की जन्मस्थली तक बस सेवा का शुभारंभ किया जाएगा।

रामायण सर्किट से जुड़े हैं यह ऐतिहासिक स्थल

यूपी में अयोध्या, चित्रकुट, श्रृंगवरपुर। बिहार में सीमामढ़ी, बक्सर और दरभंगा। मध्य प्रदेश में चित्रकूट, पश्चिमी बंगाल में नंदीग्राम, ओडिसा में महेंद्रगिरी, छत्तीसगढ़ में जगदलपुर , तेलंगाना में भद्राचलम, तमिलनाडु में रामेश्वरम्, कर्नाटक में हम्पी और महाराष्ट में नासिक व नागपुर।

सर्किट में टूरिज्म से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा

केंद्र और प्रदेश सरकारों के संयुक्त उद्यम से विकसित हो रहे रामायण सर्किट में टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। सरकार का मानना है कि इससे रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। तमाम छोटे-बड़े रोजगार उत्पन्न होंगे। यही नहीं इससे लोकल आर्ट को बढ़ावा मिलेगा। लोकल शिल्पकारों को भी एक बेहतर मार्केट मिल सकेगा।


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