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B.Ed की परीक्षा से खत्म हो जाएगा ये हिस्सा, बड़े बदलाव की तैयारी में DDU

डीडीयू में बीएड पाठ्यक्रम में बड़ा परिवर्तन हो सकता है। अब नए पैटर्न के तहत बीएड परीक्षा से बहुविकल्पीय प्रश्न खत्म किए जाएंगे।

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MCQ in B.Ed exam: नए पैटर्न में सभी प्रश्न लिखित आधार पर होंगे। इस परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य छात्रों में टीचिंग क्षमता विकसित करना है।


बीएड के छात्र अध्यापकों के पैटर्न में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन अब बड़े बदलाव की में जुट गया है। नए एग्जाम पैटर्न में बीएड की परीक्षा से बहुविकल्पीय प्रश्न खत्म किए जा सकेंगे। सभी प्रश्न लिखित आधार पर होंगे। इस परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य छात्रों में टीचिंग क्षमता विकसित करना है।


डीडीयू में B.Ed पाठ्यक्रम में इस समय एक सेमेस्टर में 75 नंबर का पेपर होता है। इनमें 15 अंक के प्रश्न लिखित होते हैं जबकि 60 प्रश्न बहुविकल्पीय होते हैं। इसलिए छात्रों का रुझान बहुविकल्पीय प्रश्नों की ओर ज्यादा होता है।
इस तरह से विद्यार्थियों के बीएड में अच्छे नंबर तो आ जाते हैं लेकिन इससे सिलेबस का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता। विवि प्रशासन का मानना है कि वैकल्पिक सवालों से छात्र अध्यापकों की वर्णनात्मक क्षमता कमजोर हो रही है।


परीक्षा समिति की बैठक में उठाया गया मुद्दा
डीडीयू की परीक्षा समिति की बैठक में शिक्षा संकाय की अधिष्ठाता प्रो. शोभा गौड़ ने यह विषय उठाया था। डीडीयू में ग्रेजुएशन में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय और पोस्ट ग्रेजुएशन में वर्णनात्मक प्रश्न के प्रपोजल के दौरान प्रो. शोभा गौड़ ने कहा था कि बीएड ग्रेजुएशन के बाद होता है। इसलिए इसे ग्रेजुएशन के बराबर नहीं रखा जा सकता है। इसके पक्ष में कई तर्क भी दिए गए जिसे परीक्षा समिति ने सही माना।


नए छात्र अध्यापकों पर होगा लागू
बीएड की नया परीक्षा पैटर्न कब से और किन छात्रों पर लागू होगा, डीडीयू प्रशासन अभी इसकी योजना बना रहा है। फिलहाल यह योजना है कि इसे वर्तमान सत्र 2023-25 में प्रवेश लेने वाले छात्रों पर लागू किया जाए।
कुलपति ने कहा
डीडीयू की कुलपति प्रो.पूनम टंडन ने कहा कि बीएड पाठ्यक्रम स्नातक के बाद होता है। इसलिए इस पर स्नातक के नियम लागू नहीं होते। बीएड के छात्रों को आगे चलकर शिक्षक बनना है, इसलिए जरूरी है कि उनके अंदर वर्णनात्मक क्षमता हो। इसे स्वीकार कर लिया गया है।


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