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भाजपा सांसद के खिलाफ फेसबुक पोस्ट पर अशोभनीय टिप्पणी करना देवरिया क्षेत्र के दो युवकों को भारी पड़ गया। हद तो यह कि सांसद प्रतिनिधि की तहरीर पर पुलिस ने वाहवाही लूटने के लिए एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई कर दी। जबकि नियमतः सांसद पर टिप्पणी करने वालों पर आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए थी। हालांकि, मामला तूल पकड़ने के बाद सांसद को खुद हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने बयान दिया कि मामला दलित उत्पीड़न का नहीं है। इसके बाद जाकर पुलिस ने कहा कि विवेचना के दौरान दलित उत्पीड़न संबंधी धाराओं को हटा दिया जाएगा।
बांसगांव सुरक्षित सीट से कमलेश पासवान भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं। कुछ दिनों पहले देवरिया जिले के धर्मवीर गुप्ता और अमन सिंह नाम के दो युवकों ने सांसद पर फेसबुक पोस्ट किया था। इस अशोभनीय पोस्ट के खिलाफ देवरिया के मदनपुर थाने में सांसद कमलेश पासवान के प्रतिनिधि सुनील पासवान ने तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। सांसद की ओर से मिली तहरीर में यह कहा गया कि फेसबुक पोस्ट से उनके और उनके परिवार की गरिमा को ठेस पहुंची है।
भाजपा सांसद का मामला होने की वजह से पुलिस सक्रिय हुई।
तहरीर के आधार पर मदनपुर पुलिस ने दोनों युवकों के खिलाफ गुरुवार को दो आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया।
सांसद के मामले में दो युवकों पर एससी/एसटी एक्ट का केस दर्ज होने के बाद हर ओर इसकी चर्चा होने लगी। एक बार फिर दलित उत्पीड़न कानून के दुरूपयोग की बात तूल पकड़ने लगी। मामला सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चित होने लगा। मामले को तूल पकड़ते देख सांसद कमलेश पासवाना को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने बयान जारी किया कि पुलिस से उन्होंने एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने कोे नहीं कहा था। उन्होंने बताया कि वह केवल आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की तहरीर दिलाए थे लेकिन पुलिस ने जिन धाराओं में कार्रवाई की है उसका वह समर्थन नहीं करते हैं।
Published on:
15 Sept 2018 11:25 am
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