
कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद मामले को मैत्रीपूर्ण समझौते के लिए शुक्रवार को मध्यस्थता पैनल को सौंप दिया है। गोरखपुर शहर के उलेमामों ने कहा कि अयोध्या विवाद अगर बातचीत से सुलझ जाए तो बहुत बेहतर है। हालांकि मध्यस्थता पैनल में श्री श्री रविशंकर को शामिल किए जाने पर उलेमा ने हैरानी जतायी है।
मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के शिक्षक मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर) ने कहा कि अयोध्या विवाद पेचीदा मसला है। मध्यस्थता के जरिए अगर इस विवाद को हल निकल जाए तो बेहतर है। बशर्ते के किसी पक्ष पर किसी प्रकार का कोई दबाव न डाला जाए। इससे पहले भी कई बार कोशिश की जा चुकी है लेकिन परिणाम शून्य निकला है। अदालत के फैसले पर हमें कोई आपत्ति नहीं है। हां यह जरुर है कि पैनल में एक ऐसे शख्स को जगह दी गयी है जो इस मसले पर अपना नजरिया पहले भी कई बार बयान कर चुके है। पैनल में उनका नाम देख कर हैरानी हुई।
दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल के इमाम मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने कहा कि अयोध्या विवाद का हल आपसी रजामंदी से हो तो अच्छा है। इसमें पारदर्शिता हो और सब माने। इस मामले में सियासी रोटियां खूब सेंकी गयीं और आज भी सेंकी जा रही हैं। चुनाव करीब है ऐसे में अगर इस सुलह समझौते की कार्यवाई लोकसभा चुनाव बाद होती तो और भी अच्छा होता। बेहतर हल तभी निकलेगा जब वक्त अनुकूल हो। इस वक्त देश में तमाम तरह की गहमागहमी है।
मदरसा जियाउल उलूम पुराना गोरखपुर गोरखनाथ के प्रधानाचार्य मौलाना नूरुज्जमा मिस्बाही ने कहा कि अदालत का निर्णय सराहनीय है। आठ सप्ताह का वक्त जरुर कम है। लोकसभा चुनाव करीब है। चुनाव बाद इस मसले पर सुलह समझौते की बात होती तो मामले को निपटाने का और भी बेहतर माहौल मिल पाता। अब यही दुआ है कि मध्यस्थता पैनल जो भी बातचीत, सुलह समझौते की कार्यवाई करे उसमें निष्पक्षता और विश्वसनियता हो। श्री श्री रविशंकर ने पहले भी प्रयास किया था और मुसलमानों पर अपना नजरिया थोंपने की कोशिश की थी। यही वजह थी कि उनको मुसलमानों का समर्थन नहीं मिला।
तंजीम कारवाने अहले सुन्नत के सदर मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि यह मामला बहुत ही संवेदनशील है। शीर्ष अदालत के फैसले का मुसलमान पूरा सम्मान करते हैं। पूरी उम्मीद है कि मध्यस्थता पैनल के सामने मुस्लिम पक्षकार अपनी बात मजबूती से रखेंगे। दुआ है कि आपसी सहमति, पारदर्शिता, निष्पक्षता, बिना दबाव कोई उचित हल निकले। लोकसभा चुनाव करीब है और इसी बीच इस मामले में सुलह समझौते की कार्यवाई शुरु होनी है, ऐसे में आने वाले दिनों में गहमागहमी और बेचैनी बढ़ेगी।
बता दें कि न्यायालय के आदेश पर फैजाबाद में मध्यस्थता होगी। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एफएम खलीफुल्ला की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय समिति में श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू शामिल है।
Published on:
09 Mar 2019 12:13 pm
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