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आठ साल पहले फिल्मी अंदाज में भागा था नेपाल का रहने वाला अपराधी, गिरफ्तार हुआ तो पास मिला इतना धन रह जाएंगे हैरान

नेपाल में रहकर भारत के अपराधियों को देता था पनाह

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गोरखपुर। यूपी एसटीएफ ने भारत के अपराधियों को नेपाल में पनाह देने वाले पचास हजार के इनामी शातिर अपराधी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। आठ साल पूर्व यह सजायाफ्ता अपराधी पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था। तभी से नेपाल में अपना अड्डा बनाकर भगोड़े अपराधियों को पनाह देने का काम कर रहा था। गोरखपुर एसटीएफ ने इसे सिद्धार्थनगर में गिरफ्तार किया जब यह किसी से मिलने यहां आया हुआ था। मजे कि बात यह कि पचास हजार के इस इनामी के पास से महज 270 रुपये ही बरामद हुए।
भारत-नेपाल का खुला बार्डर अपराधियों के लिए काफी मुफीद माना जाता है। एसटीएफ को इन दिनों सूचना मिल रही थी कि इन दिनों अपराधियों का काफी आवागमन इधर-उधर हो रहा है। एसटीएफ एसपी अभिशेक सिंह, एएसपी एस आनंद, इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह की देखरेख में इस सूचना पर टीम ने काम करना शुरू किया। एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार मंगलवार की रात में भारत का भगोड़ा सुशील तिवारी के नेपाल से यहां आने की सूचना मिली। बताया गया कि वह सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ में किसी से मिलने रात में आएगा और रात में ही वापस भाग सकता है। एसटीएफ ने सुशील को पकड़ने का जाल बिछाया और सिद्धार्थनगर रेलवे स्टेशन के पास खुनवा तिराहे पर उसे धरदबोचा।

2010 में पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था सुशील तिवारी

नेपाल के कपिलवस्तु जिले के तौलिहवा निवासी सुशील तिवारी अपने एकसाथी रोहित बरई केसाथ भारत के सिद्धार्थनगर के बांसी कोतवाली क्षेत्र में 38 किलो गाजा के साथ 23 अगस्त 2008 को पकड़ा गया था। इस मामले में न्यायालय ने उसे 12 साल की सजा सुनाई थी। लेकिन 12 जनवरी 2010 को न्यायालय में वह पेशी पर अन्य कैदियों केसाथ ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मौके का लाभ उठाते हुए फिल्मी अंदाज में सुशील तिवारी भाग निकला था। तभी से पुलिस इसकी तलाश कर रही थी।

मादक पदार्थाें की तस्करी व अपराधियों को पनाह देता रहा

भारत का भगोड़ा सुशील तिवारी इन आठ सालों में शांत नहीं बैठा। नेपाल से ही वह मादक पदार्थाें की तस्करी में लिप्त रहा। वह मादक पदार्थाें की तस्करी वाले रैकेट से जुड़ काम करता रहा। एसटीएफ के अनुसार वह भारत के अपराधियों को नेपाल में पनाह दिलाने का भी काम करता था। एसटीएफ इसके भारतीय संपर्काें की तस्दीक कर रही।


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