9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस शहर की मेट्रो के लिए मिले 650 करोड़ रुपये, अप्रैल में होगा ट्रॉयल

केंद्र और राज्य सरकार के बीच में मेट्रो के विस्तार के लिए हो चुका है एमओयू सााइन  

2 min read
Google source verification
metro

ग्रेटर नोएडा. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्वा ब्लू मेट्रो लाइन के लिए केंद्र सरकार ने 687.62 करोड़ रुपये जारी कर दिए है। ये रुपये एनएमआरसी को जारी किए गए है। ताकि एक्वा ब्लू लाइन का जल्द से जल्द विस्तार हो सके। नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी। इस मेट्रो परियोजना पर करीब 5503 करोड़ रुपये का खर्च आना है। इसमें 4850 करोड़ रुपये नोएडा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, केंद्र सरकार, यूपी और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को देने है। अभी तक 3410 करोड़ रुपये इन विभागों से मिल चुके है।

यह भी पढ़ें: होली का दहन-पूजन के समय को लेकर है उलझन में, तो जानिए शुभ घड़ी

नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के कार्यकारी निदेशक पीडी उपाध्याय ने बताया कि सोमवार को केंद्र सरकार ने मेट्रो लाइन के विस्तार के लिए 687.62 करोड़ रुपए जारी कर दिए है। रकम मिलने के बाद में मेट्रो लाइन के काम में तेजी आएगी। माना जा रहा है कि मई जून तक नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच में मेट्रो चलनी शुरू हो जाएगी। हालांकि अभी जैतपुर से लेकर अल्फा-2 के बीच में मेट्रो का ट्रॉयल शुरू हो चुका है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी व एनएमआरसी के अफसरों की माने तो तय समय पर मेट्रो दोनों शहरों के बीच में शुरू हो जाएगी। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। मेट्रो लाइन का अभी सिविल कार्य बचा हुआ है।

यह भी पढ़ें: होली में बन रहा है यह संयोग, ऐसे पूजा करने पर मिलेंगे अच्छे परिणाम

दरअसल में 19 फरवरी को केंद्र व यूपी सरकार के बीच में एमओयू साइन हुआ था। एमओयू के दौरान केंद्र व राज्य सरकार की 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी तय की गई थी। केंद्र और राज्य सरकार भी जल्द से जल्द दोनों शहरों को मेट्रो चालू करना चाहती है। ताकि जेवर एयरपोर्ट से उड़ान के साथ में मेट्रो से भी जोड़ा जा सके। एयरपोर्ट के साथ-साथ में लोगों को मेट्रो की सर्विस भी मिल सके और आने-जाने में कोई दिक्कत न हो। सरकार की योजना है कि जेवर में बनने वाले इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए मेट्रो की शुरूआत हो सके। लिहाजा सरकार और यमुना अथॉरिटी ने इस और पॉजोटिव पहल कर दी है। एनएमआरसी को 50 प्रतिशत केंद्र सरकार व 50 प्रतिशत राज्य सरकार की हिस्सेदारी वाली जॉइंट वेंचर कंपनी बनाए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल चुकी है।

यह भी पढ़ेंं: अगर आपके यहां रहते है बुजुर्ग तो हर हफ्ते घर आएगी पुलिस, जानें क्यों