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लुक्सर जेल के सुपरिटेंडेंट ने पेश किया अनूठा उदाहरण, 13 बंदियों को लगाए गए कृत्रिम पैर

खबर की मुख्य बातें- -जेल में आयोजित शिविर में 13 बंदियों को कृत्रिम पैर लगाए गए -दो बंदियों के उपकरण सही काम के नहीं थे, इसलिए उन्हें कृत्रिम पैर बाद में लगाए जाएंगे -इस शिविर का आयोजन सेंटर फॉर एम्पावरमेंट एंड इनिशिएटिव्स और भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के सहयोग हुआ

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लुक्सर जेल के सुपरिटेंडेंट ने पेश किया अनूठा उदाहरण, 13 बंदियों को लगाए गए कृत्रिम पैर

ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर की लुक्सर जेल के सुपरिंटेंडेंट ने अपराध की सजा भुगत रहे बंदियों के साथ मानवता का अनूठा उदाहरण पेश किया है। जेल में आयोजित शिविर में 13 बंदियों को कृत्रिम पैर लगाए गए। प्रोस्थोटिस्ट एंड आर्थोटिस्ट बिग्रेडियर के.एल सिंह और ज्योति ने इस शिविर का आयोजन सेंटर फॉर एम्पावरमेंट एंड इनिशिएटिव्स और भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के सहयोग से किया था।

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लुक्सर जेल के अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि शिविर में सेंट्रल जेल आगरा, बरेली, जिला कारागार अलीगढ़, आगरा, बरेली, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और मेरठ के 13 बंदियों को कृत्रिम पैर उपकरण उपलब्ध कराए गए। इन कृत्रिम पैर के माध्यम से 11 बंदी सुचारू रूप से चलने लगे। लेकिन, दो बंदियों के उपकरण सही काम के नहीं थे, इसलिए उन्हें कृत्रिम पैर बाद में लगाए जाएंगे।

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जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद इन दिव्यांग कैदियों को सामान्य जीवन जीने में तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ता था। इनके बारे में समिति के लोगों ने जो सोचा, उसे कर दिखाया। इन कृत्रिम पैर की मदद से ये बंदी आराम से चल सकते हैं। मसलन उनका जीवन कुछ असान जरूर हो जाएगा। शिविर में मौजूद मेरठ के डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गौतमबुद्ध नगर के सचिव शमीम अहमद और चिकित्साधिकारी डॉ. विवेक पाल सिंह मौजूद थे।